मंगलवार, 17 अप्रैल 2012

भावनाओं पर ना रोकें परियोजना: बहुगुणा


भावनाओं पर ना रोकें परियोजना: बहुगुणा

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा है कि प्रदेश में पर्यावरण और अन्य तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद प्रारम्भ की गई जल विद्युत परियोजनाओं को केवल भावनाओें के आधार पर रोकने का कोई औचित्य नहीं है। मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में राज्य के सांसदों और विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों के साथ जल विद्युत परियोजनाओं पर विचार विमर्श के दौरान कहा कि नदियों की अविरलता, निरंतर प्रवाह और जनजीवन के लिए आवद्धयक पानी को डिस्चार्ज किए जाने के बारे में निर्णय विशेषज्ञों द्वारा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में पावर प्रोजेक्ट के लिए प्रदेद्धा स्तर पर नीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि जलविद्युत परियोजनाओं के संबंध में केंद्र सरकार केवल उŸाराखण्ड के लिए नहीं बल्कि समस्त हिमालयी राज्यों के लिए एक समान निर्णय ले। बैठक में आम राय से कहा गया कि राज्य में जलविद्युत परियोजनाओं के सम्बन्ध में बिजली की आवश्यकता, स्थानीय विकास, रोजगार, पर्यावरण की सुरक्षा सहित तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों की राय से राज्य को स्वयं निर्णय लेना चाहिए।
इसके लिए राज्य स्तर पर एक आयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया जिसमें उŸाराखण्ड में कार्यरत जनप्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों, विशेषज्ञ संस्थाओं का प्रतिनिधित्व हो। पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद भगत सिंह कोद्धयारी ने कहा कि भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना प्रदेश का विकास करने के लिए उŸाराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
सांसद प्रदीप टम्टा ने इसके लिए एक दीर्घकालीन नीति बनाते हुए जल संरक्षण पर भी विचार करने की आवश्यकता जताई। सांसद केसी सिंह बाबा ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाओं  के निर्माण के लिए उŸाराखण्ड में ही कार्यरत वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों की राय ली जानी चाहिए।

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