अखिलेश का विधान परिषद से जाना तय
(अमित शुक्ला)
लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राजस्व मंत्री अम्बिका चौधरी का राज्य विधान परिषद के लिए निर्विरोध चुना जाना तय है। विधान परिषद के तेरह सीटों के द्विवार्षिक चुनाव के लिए सिर्फ तेरह नामांकन-पत्र भरे गए हैं जिनकी जांच होगी। लेकिन, इनके निर्वाचन की औपचारिक घोषणा बृहस्पतिवार को होगी। विधान परिषद के तेरह सदस्यों का कार्यकाल पांच मई को समाप्त हो रहा है। उधर, समाजवादी पार्टी उम्मीदवार अरविन्द सिंह का राज्यसभा के उप चुनाव में निर्विरोध चुना जाना भी तय है।
इसके साथ ही विधान परिशद के द्विवार्शिक चुनाव के लिए सभी तेरह प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय है। नामांकन के आखिरी दिन भारतीय जनता पार्टी के डाक्टर महेन्द्र सिंह और राश्ट्रीय लोकदल कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार चौधरी मुश्ताक अहमद ने अपना पर्चा दाखिल किया।
नाम वापसी की अवधि उन्नीस अप्रैल के बाद इनके निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की जायेगी। परिषद के द्विवार्षिक चुनाव के लिए नौ अप्रैल को अधिसूचना जारी की गयी थी। जिन तेरह सदस्यों का कार्यकाल अगले महीने की पांच तारीख को समाप्त हो रहा है उनमंे से छह समाजवादी पार्टी के सदस्य थे।
सत्तारूढ़ दल ने जिन आठ उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है उनमें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी राजस्वमंत्री अम्बिका चौधरी, पार्टी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी और निवर्तमान एमएलसी नरेशचन्द्र उत्तम षामिल हैं। उधर बहुजन समाज पार्टी ने अपने दो वर्तमान परिशद सदस्यों डॉक्टर विजय प्रकाश और सुनील चित्तौड़ के साथ-साथ पूर्व मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह को उम्मीदवार बनाया है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने परिशद से इस्तीफा दे दिया है। और उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है। मायावती राज्यसभा के लिए पहले ही चुन ली गयी हैं।
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