घर दुरूस्त करने
में लगे हैं युवराज
संसदीय क्षेत्र के हाल जान रहे हैं राहुल
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
उत्तर प्रदेश में औंधे मुंह गिरने के बाद कांग्रेस की सुध लेने की याद अंततः
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को आ ही गई है। जिस तरह बारिश के पूर्व गांव में
किसान अपने घर को दुरूस्त करता है ठीक उसी तर्ज पर कांग्रेस की नजर में अघोषित
पीएम इन वेटिंग राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी को ठीक
करना आरंभ किया है।
कांग्रेस के नए
सत्ता और शक्ति के केंद्र 12, तुगलक लेन (राहुल गांधी को बतौर सांसद
आवंटित सरकारी आवास,
अमूमन नए सांसदों को नार्थ या साउथ ब्लाक में आवास मिलता है)
के सूत्र बताते हैं कि राहुल इन दिनों अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी और उत्तर प्रदेश
पर सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार
संसदीय क्षेत्र से आए लोगों से राय शुमारी के उपरांत राहुल ने कड़े और अप्रिय फैसले
लेने का मन बनया है। इसी कड़ी में सालों साल से नेहरू गांधी परिवार के विश्वस्त रहे
अमेठी के कांग्रेसी नेता किशोरी लाल शर्मा को राहुल ने बर्खास्त करने के आदेश दे
डाले। किशारी लाल पिछले दो दशकों से नेहरू गांधी परिवार के लिए अमेठी की कमान
संभाले हुए थे।
अब राहुल के सामने
शर्मा के स्थान पर किसे बिठाया जाए यह समस्या आ गई है। राहुल की किचिन कैबनेट के
प्रमुख समझे जाने वाले कनिष्क सिंह ने राजस्थान राज्य सेवा के अधिकारियों के नामों
की लाबिंग की खबरें भी आ रही हैं। कहा जा रहा है कि राजस्थान पीसीएस अधिकारी धीरज
श्रीवास्तव और मान सिंह में से किसी एक को शर्मा के स्थान पर अमेठी की कमान सौंपी
जा सकती है।
इन दोनों के साथ ही
साथ इसके लिए मोहन प्रकाश और चंद्रकान्त झा के नामों की चर्चाएं भी चल रही हैं।
मोहन प्रकाश और चन्द्रकान्त झा दोनों ही पिछले कुछ सालों से राहुल के दुलारे रहे
हैं पर इनके विरोधियों ने राहुल के कान इस कदर भरे कि आज दोनों ही इस कदर मजबूर हो
गए हैं कि राहुल से मुलाकात दरस परस के लिए भी तरस रहे हैं।
सूत्रों की मानें
तो अमेठी को दुरूस्त करने के बाद राहुल अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति
सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की सुध लेने वाले हैं। समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों ही संसदीय क्षेत्रों के बारे में राहुल
की बहन श्रीमति प्रियंका वढ़ेरा इस काम में राहुल की पर्दे के पीछे से मदद कर रही
हैं।
गौरतलब है कि उत्तर
प्रदेश की हार के बाद राहुल और सोनिया पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने अपने संसदीय
क्षेत्र वाले उत्तर प्रदेश सूबे में ही कांग्रेस की नाक नहीं बचा पाई तो वे देश भर
में कांग्रेस का परचम लहराने का दावा कैसे कर सकते हैं। कांग्रेस के अंदर भी
सोनिया राहुल के खिलाफ अब असंतोष धीरे धीरे खदबदाता नजर आने लगा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें