मनरेगा के साथ सांसद निधि का कन्वर्जेंस
(संतोष पारदसानी)
भोपाल (साई)। मंत्री,
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री गोपाल भार्गव ने बताया है कि भारत
सरकार ने मनरेगा और सांसद निधि के अभिसरण से विकासात्मक कार्यों को करने की
मंजूरी दी है। अब जिलों द्वारा मनरेगा में विकासात्मक कार्यों के लिए
तैयार होने वाले प्रस्तावों में सांसदों की अनुमति से सांसद निधि का उपयोग
किया जा सकेगा। अधिनियम के मुताबिक मशीने और ठेकेदारी प्रथा पूर्ववत
प्रतिबंधित रहेगी।
मनरेगा
में सांसद निधि के अभिसरण से होने वाले कार्यों के प्रस्तावों को
ग्राम-सभा में अनुमोदित करवाया जाएगा। कार्य की कुल लागत में सांसद निधि की
कम से कम 25 प्रतिशत राशि उपयोग की जाएगी। इन कार्यों में सांसद निधि एवं
मनरेगा निधि के पृथक-पृथक मस्टर-रोल संधारित किए जाएँगे। साथ ही कार्य-स्थल
पर लगने वाले सूचना-पटल पर पृथक-पृथक विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। यह कार्य
ग्राम-पंचायतों में स्थाई परि-सम्पत्तियों के निर्माण को दृष्टिगत रखते
हुए किए जाएँगे।
अभिसरण
से किए जाने वाले इन कार्यों में सामग्री पर होने वाले कुल व्यय पर मनरेगा
की राशि का तीन चौथाई हिस्सा ही व्यय किया जा सकेगा। शेष राशि राज्य सरकार
को व्यय करनी होगी। सांसद निधि से सामग्री पर कोई राशि व्यय नहीं की जा
सकेगी। क्षेत्रीय सांसद की अनुशंसा पर किया जाने वाला कार्य ग्राम-सभा
द्वारा स्वीकृत किया जाएगा और उसे निरस्त नहीं किया जा सकेगा।
सांसद
निधि और मनरेगा के अभिसरण से होने वाले कार्य मनरेगा की वार्षिक
कार्य-योजना के हिस्सा होंगे। इन कार्यों को कार्यक्रम समन्वयक द्वारा
क्षेत्रीय सांसद की अनुशंसा पर मनरेगा प्रोजेक्ट में सम्मिलित किया जाकर
जिला-पंचायत द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा
कार्यों के लिए क्रियान्वित एजेंसियों को आवश्यक सहायता मुहैया करवाई
जाएगी।
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