यूपी में आया एक और
बड़ा घोटाला प्रकाश में
(दीपांकर श्रीवास्तव)
लखनऊ (साई)। उत्तर
प्रदेश में वर्ष २००९-१० और २०१०-११ के दौरान विभिन्न जि$लों में कम लागत
वाली एकीकृत स्वच्छता योजना-आईएलसीएस को लागू करने में हुए लाखों रुपयों के कथित
घोटाले का मामला सामने आया है। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया के इलाहाबाद संवाददाता ने समाचार दिया है कि सरकार ने राज्य शहरी विकास
एजेंसी के तत्कालीन निदेशक, तत्कालीन वित्त नियंत्रक, परियोजना निदेशकों
और इंजीनियरों सहित २१ व्यक्तियों तथा गैर-सरकारी संगठनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
की गई है।
सरकारी सूत्रों ने
बताया कि यह कार्रवाई विभागीय जांच रिपोर्ट मिलने के बाद की गई है। रिपोर्ट में
आरोपी अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने और दुरुपयोग की गई धनराशि की उनसे
वसूली करने की सिफारिश भी की गई है। जांच के दौरान भौतिक सत्यापन में यह पाया गया
है कि १७५ लाख रुपये का भुगतान लगभग दो हजार दो सौ चालीस शौचालयों के बिना निर्माण
के ही कर दिया गया। इसी तरह कुछ लाभार्थियों के नाम दो-दो बार दर्ज हैं और कइयों
के नाम बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के भी बदल दिये गये हैं।
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