हरिप्रसाद की होगी
छुट्टी!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
पितृपक्ष की समाप्ति के उपरांत कांग्रेसनीत संप्रग सरकार में बड़े फेरबदल के साथ ही
साथ कांग्रेस में भी नेशनल लेबल पर संगठनात्मक फेरबदल किया जाएगा। सोनिया गांधी इस
बार आम चुनावों के मद्देनजर संगठन में जमावट करने वाली हैं। संगठन में इस बार
अर्कमण्य लोगों को बाहर का रास्ता दिखाकर पुराने पुरोधाओं की वापसी की रूपरेखा को
अंतिम रूप दिया जा रहा है।
कांग्रेस के सत्ता
और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ के उच्च पदस्थ और भरोसेमंद सूत्रों ने
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सोनिया गांधी 2014 के लिए अपनी टीम
का पुनर्गठन कर रही हैं। सूत्रों की मानें तो युवाओं को आगे लाने की राहुल की
हिमायत को दरकिनार कर सोनिया गांधी ने पुराने घाघ पुरोधाओं पर ही यकीन करना बेहतर
समझा है।
एक समय में
कांग्रेस में ताकत की धुरी समझे जाने वाले आर.के.धवन, एम.एल.फोतेदार और
बूटा सिंह की वापसी की खबरें तेजी से सियासी फिजां में तैर चुकी हैं। उमर दराज
कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा को भी सोनिया अवकाश देने के मूड में नहीं दिख रही हैं।
युवाओं के बजाए पुराने चावलों पर यकीन करने के पीछे सोनिया की सोच इनके अनुभवों का
लाभ उठाना ही है।
ज्ञातव्य है कि
मामूली लिपिक से इंदिरा गांधी की नाक के बाल बने आर.के.धवन और माखन लाल फोतेदार को
सोनिया गांधी के इर्द गिर्द मण्डराने वालों ने किनारे कर दिया था। एक बार फिर 10, जनपथ में इन दोनों
की पूछ परख और आमद से साफ हो रहा है कि सोनिया को अपनी जुंडाली पर अब ज्यादा यकीन
नहीं रह गया है।
सूत्रों ने बताया
कि ममता मुलायम के मामले में सोनिया गांधी ने विचार विमर्श के लिए फोतेदार को बुला
भेजा। इसी मामले में सोनिया ने धवन से भी मशविरा किया था। कहा जा रहा है कि माखन
लाल फोतेदार और आर.के.धवन दोनों ही को कांग्रेस की मुख्य धारा में लाकर महासचिव के
पद से नवाजा जा सकता है।
सूत्रों का कहना है
कि मनीष तिवारी का सरकार में शामिल होना लगभग तय है, इसी कारण अब
प्रवक्ताओं की टीम का पुर्नगठन भी जरूरी हो गया है। नए बने प्रवक्ता संदीप दीक्षित
और चाको भी पूरी तरह से निष्क्रीय ही पड़े हुए हैं। रेणुका चौधरी और जनार्दन
द्विवेदी भी लाल बत्ती का ख्वाब देख रहे हैं। इसके अलावा आस्कर फर्नाडिस का नाम भी
सरकार में लाल बत्ती की फेहरिस्त में बताया जा रहा है।
सोनिया के करीबी
सूत्रों ने साफ संकेत दिए कि बी.के.हरिप्रसाद, मधुसूदन मिस्त्री, धनी राम शांडिल्य, वीरेंद्र सिंह
चौधरी, गुलचैन
सिंह चरक, मुकुल
वासनिक और मोहन प्रकाश के पर कतरे जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश
में जिस तरह कांग्रेस ने अपनी अस्मत भारतीय जनता पार्टी के कदमों में रख दी है
उससे सोनिया गांधी खासी खफा हैं और इसका नजला सीधे सीधे बी.के.हरिप्रसाद पर टूटने
की सौ फीसदी संभावनाएं जताई जा रही हैं।
इसमें हाल ही में
कांग्रेस का गढ़ समझी जाने वाली लखन कुंवर की नगरी लखनादौन में जिस तरह से कांग्रेस
के अधिकृत किए गए प्रत्याशी द्वारा नामांकन वापसी के अंतिम दिन बी फार्म जमा कराने
के पूर्व ही नाटकीय तरीके से नाम वापस लिया और उसके बाद चुनाव तक कांग्रेस अध्यक्ष
कांति लाल भूरिया और हरिप्रसाद द्वारा जिस तरह की विरोधाभासी बयानबाजी की गई उससे
भी कांग्रेस के आला नेता नाराज बताए जा रहे हैं।
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