सरकार की खिलाफत की
गोंगापा ने
(अभय नायक)
रायपुर (साई)।
राज्य सरकार नई राजधानी में राज्योत्सव का जश्न मनाने में जुटी रही और इधर, पुरानी राजधानी में
हर वर्ग ने दिनभर सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली। आदिवासियों से लेकर कर्मचारी और
पेंशनधारी तक, सभी उबल
पड़े। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बैनर तले सैकड़ों आदिवासियों ने बड़ी रैली निकाली।
वहीं, धरनास्थल
पर सभी संगठनों में मिलकर पूरे दिन सरकार को जमकर कोसा। 1 नवम्बर को राज्योत्सव के
जश्न से दूर धरनास्थल में सरकार विरोधी नारे लगते रहे।
राज्य स्थापना की
12वीं वर्षगांठ पर आदिवासी, पेंशनधारी, मितानिन, शिक्षक, मीटर रीडर, मार्कफेड, सहकारी समिति
कर्मचारी महासंघ सभी ने सरकार पर भड़ास निकाली। वर्षाे से की जा रही मांगों के
प्रति सरकार की उदासीनता से उनमें आक्रोश था। अलग गोंडवाना राज्य, पेसा कानून, कृषि, चारागाह, वन निस्तार भूमि
आरक्षित करने के अलावा चरण पादुका और साड़ी बांटने के विरोध में आदिवासियों ने
राजधानी में ताकत दिखाई।
पेंशनधारियों ने भी
राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की है। अपनी मांगों के लिए पेंशनधारियों, शिक्षक और मितानिन
संघ ने भी धरनास्थल से रैली निकाली। यह सिलसिला पूरे दिन चला। आंदोलनकारियों का
कहना था कि राज्य बने बारह साल हो गए, फिर भी उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं।
मांगें पूरी करने में थोड़ा खर्च आएगा, लेकिन सरकार घ्सा न करके राज्योत्सव के नाम
पर करोड़ों फंूक रही है।
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