राहुल के सामने
घुटनों पर कांग्रेस!
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
घपले, घोटाले, भ्रष्टाचार में
आकंठ डूबी कांग्रेस नीत केंद्र सरकार की मुखालफत देश भर में होने से अब कांग्रेसी
बैकफुट पर आ गए हैं। कांग्रेस के नेता एक के बाद एक प्रयोगों के बाद अब राहुल की
शरण में जाने पर मजबूर हो गए हैं। राहुल गांधी को केंद्र सरकार में मंत्री बनाने
पर आमदा कांग्रेसी अब संगठन में उन्हें नंबर दो की भूमिका देने की कोशिश में लग गए
हैं।
चारों ओर से निराश
और जनाधार खो चुकी कांग्रेस के पास अब राहुल या प्रियंका का ही सहारा बचा है।
कांग्रेस मुख्यालय 24, अकबर रोड़ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि
इस समय कांग्रेस के आला नेता सोनिया गांधी पर भी यकीन नहीं कर रहे हैं। अधिकतर
नेताओं का मानना है कि सोनिया का जादू अब चुक गया है।
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ
नेता जनार्दन द्विवेदी ने इस अटकलबाजी के बीच कि दिवाली से पहले पार्टी में फेरबदल
होगा, गुरुवार को
कहा कि महासचिव राहुल गांधी पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के बाद पार्टी में नंबर दो
पहले से हैं। द्विवेदी ने कहा कि राहुल गांधी पहले से नंबर दो हैं। यह कहने की
जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी में फेरबदल की काफी चर्चा है, यह तभी होगा जब
कांग्रेस प्रमुख इस बारे में फैसला लेंगी। अभी कोई समय या तारीख तय नहीं हुई है।
गौरतलब है कि गत
रविवार को कैबिनेट के फेरबदल में राहुल गांधी के मनमोहन सिंह सरकार में शामिल नहीं
होने के बाद से कयास लगाया जा रहा है कि उन्हें पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी
जाएगी। जानकार सूत्रों ने कहा कि राहुल को पार्टी उपाध्यक्ष या कार्यकारी अध्यक्ष
बनाया जा सकता है।
चारों ओर एक ही बात
की चर्चा हो रही है कि सवा सौ साल पुरानी और इस देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने
वाली कांग्रेस आजादी के उपरांत साढ़े छः दशकों में भी नेहरू गांधी परिवार के अलावा
कोई नेता पैदा ही नहीं कर पाई है। सोनिया के बाद राहुल को जवाबदारी सौंपने की चाहत
से साफ हो रहा है कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता अब भी वंशवाद से उबर नहीं पाए
हैं।
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