बुधवार, 19 दिसंबर 2012

नपेंगे प्रभात की गणेश परिक्रमा करने वाले



नपेंगे प्रभात की गणेश परिक्रमा करने वाले

प्रभात छेड़ सकते हैं शिव को हटाने मुहिम

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। भाजपा के निवृतमान निजाम प्रभात झा के आसपास रहकर उन्हें सिद्ध करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। भाजपा के आला दर्जे के सूत्रों के अनुसार एसे अफसरान की सूची तैयार करवाई जा रही है जो अपने काम को तवज्जो देने के स्थान पर प्रभात झा की गणेश परिक्रमा कर सरकारी धन का अपव्यय कर रहे थे, एसे सरकारी कर्मचारियों को भी चिन्हित किया जा रहा है जो सेवानिवृति के उपरांत पुर्ननियुक्ति की मलाई चख रहे हैं।
भाजपा के आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रभात झा के कार्यकाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनसे बेहद परेशान इसलिए थे, क्योंकि सरकारी कामकाज में कदम कदम पर संगठन हावी हो जाता था। संगठन की सिफारिश पर सरकारी मशीनरी में अफसरों की नियुक्ति पर शिवराज सिंह चौहान को बाध्य होना पड़ता था, जिससे बाद में वे ही सरकारी कर्मचारी सरकार के बजाए संगठन की जी हजूरी में सारा समय बिता देते थे।
भाजपा के एक पदाधिकारी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान यह भी कहा कि सत्ता पर संगठन बुरी तरह हावी हो चुका था। आलम यह था कि सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए पाबंद जनसंपर्क महकमा ही संगठन का अघोषित कार्यालय बन गया था। जनसंपर्क विभाग द्वारा शिवराज सिंह चौहान के बजाए संगठन के पदाधिकारियों को ज्यादा तवज्जो देना आरंभ कर दिया गया था।
इतना ही नहीं जनसंपर्क की विज्ञापन एवं अन्य मामलों में अघोषित नीतियों के चलते मीडिया का एक बड़ा वर्ग (भले ही वह बड़ा मीडिया ना हो पर सोशल मीडिया में इस वर्ग की खासी पकड़ है) सरकार से नाराज हो चला था। इसका कारण यह था कि जनसंपर्क विभाग में संगठन के इशारे पर ही विज्ञापन जारी हो रहे थे।
उक्त पदाधिकारी ने बताया कि अनेक बार तो जिलों में विभाग प्रमुखों यहां तक कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक तक की पदस्थापना में संगठन का वीटो चलता था। प्रदेश में बड़े ठेके लेने के मामले में भी सरकार पारदर्शिता इसलिए नहीं अपना पा रही थी क्योंकि राज्य में संगठन से जुड़े बड़े व्यवसाई अपनी टांग इसमें फंसा देते थे। पिछले दिनों संगठन से जुड़े दो पदाधिकारियों की हरकतों के कारण पार्टी को शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ी थी।
उक्त पदाधिकारी ने कहा कि भाजपा से जुड़े दो बड़े बिल्डर्स तो प्रदेश भर में अपना काम पसार चुके हैं। कहा जा रहा है कि वे दोनों ही शिवराज सिंह चौहान के नाम का भरपूर उपयोग अपने व्यापार में कर रहे हैं। इतना ही नहीं उक्त दोनों ही ठेकेदारों द्वारा मीडिया के कुछ कारिंदों के साथ मिलकर शिवराज सिंह चौहान पर ही वार करना आरंभ कर दिया था। कहा जा रहा है कि प्रभात झा के कार्यकाल में संगठन के कुछ तथाकथित मठाधीश पूरी तरह हावी हो चुके थे, यही कारण था कि शिवराज सिंह चौहान की बिदाई की खबरें भी मीडिया में आने लगी थीं।
उक्त पदाधिकारी ने यह भी कहा कि अब प्रभात झा ने अपना नया दांव फेंका है। प्रभात झा ने नरेंद्र सिंह तोमर की ताजपोशी के वक्त अपनी बिदाई के बारे में कहा कि जिस तरह पोखरण विस्फोट की खबर अटल जी ने किसी को लगने नहीं दी उसी तरह उनकी बिदाई की खबर शिवराज सिंह चौहान ने किसी को लगने नहीं दी। अब नरेंद्र सिंह तोमर के अध्यक्ष बनने के साथ ही यह बात भी प्रभात झा की गणेश परिक्रमा करने वाले अफसर फिजां में घोल रहे हैं कि नरेंद्र तोमर ठाकुर हैं और शिवराज सिंह चौहान भी ठाकुर हैं। भाजपा द्वारा प्रदेश में दो ठाकुरों को शीर्ष पद पर बिठाकर आखिर संदेश क्या देना चाहा जा रहा है? माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को हटाने अब प्रभात झा केंद्रीय स्तर पर मुहिम छेड़ सकते हैं।

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