मंगलवार, 19 मार्च 2013

मेरठ : धरना उखाडने को बहाने ढूढ रहा प्रशासन


धरना उखाडने को बहाने ढूढ रहा प्रशासन

(एस.के.धीमान)

मेरठ (साई)। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मेरठ कमिश्नरी स्थित चौ0 चरण सिंह पार्क में चल रहे अधिकार धरने के 21 वे दिन आज हुई पंचायत में किसानों को सम्बोधित करते हुए वी0एम0 सिंह ने कहा की किसानों को किसी भी तरह बेवकूफ बना देने का कोई भी तरीका शासन प्रशासन और चीनी मिल मालिक नही छोड रहे है।
प्रशासन द्वारा भेजे गये राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन को आज नोटिस में अमर्यादित आंदोलन बता देने से सरदार वी0एम0 सिंह बहुत क्षुब्ध नजर आये। उन्होने कहा कि एक ओर जहॉ आमजन के साथ-साथ सभी समाचार पत्र इस धरने को बहुत शांतिपूर्ण अनुशासित और मर्यादित आंदोलन करार दे रहे है वही दूसरी और साम दाम दण्ड भेद की नीति से धरने को उखाडने की जिला प्रशासन ने कोशिश करते हुए धरने को अमर्यादित बताते हुए तथाकथित नोटिस जारी कर कह दिया है कि इस आंदोलन से जहॉ आवागमन का मार्ग प्रभावित हो रहा है वहीं ध्वनि प्रदूषण भी फैलाया जा रहा है और ध्वनि का निर्धारित मानक 50 डेसीबल से अधिक प्रयोग किया जा रहा है, साथ ही लम्बी अवधि का आंदोलन हो जाने की वजह से प्रशासन को विभिन्न प्रकार के विरोध का सामना करना  पड रहा है। वी0एम0 सिंह ने कहा कि परीक्षाओं को दृष्टिगत रखते हुए माईक का प्रयोग वैसे ही कम किया जा रहा और धीमी आवाज में दो घंटे ही सभा का आयोजन किया जाता है। किसान अपने ट्रेक्टर प्रशासन द्वारा बताये गये स्थान पर ही खडे कर रहे है। धरना स्थल के आसपास एक क्लब व कुछ दफ्तर है जहॉ आने वाले व्यक्ति पार्क के आसपास ही अपनी गाडिया खडी कर रहे है। उन्होने कहा कि पिछले पॉव पर खडा प्रशासन अब कोई चारा न देख मिथ्या आरोप लगा किसानों के इस शांतिपूर्वक चल रहे अधिकार धरने को तथा किसानों के हौसले को हतोत्साहित करने करने का कुत्सित प्रयास कर रहे है। किसान अपने मकसद मंे कामयाब होने की ओर अग्रसर है ऐसे में वह किसी को कोई मौका नही देंगे और आज धरने पर माईक का कोई उपयोग नही किया गया।
वी0एम0 सिंह ने कहा कि आज एक समाचार पत्र में ईस्मा की ओर से एक विज्ञापन देकर अपील दी गयी कि चीनी मिले संकट के दौर से गुजर रही है और गन्ना किसानों को भुगतान करने में सक्षम नही हो पा रही चीनी मिलों ने अपने कथित घाटे का उल्लेख भी किया। वी0एम0 सिंह ने मिलो के दावों की धज्जियां उडाते हुए कहा कि घाटे का रोना रो रही चीनी मिल की हालात ये है कि जिस ग्रुप के पास 2 चीनी मिले थी आज उसने 17 चीनी मिले लगा ली है और 8 नई चीनी मिलो के लिए लाईसंेस की मांग कर रहे है।  ये चीनी मिले केवल गन्ने से उत्पादित चीनी का ब्यौरा ही देती है। जबकि गन्ने से ही निकलने वाले शिरे से देसी विदेशी शराब बनाकर ये अरबों खरबों रू0 का लाभ कमाती है। केवल शराब पर एक्साईज डयूटी के रूप में ही सरकारों को ये 9 हजार करोड से ज्यादा का टैक्स देती है। ये चीनी मिले खोखले और झूठे तथाकथित दावे कर यह जताना चाहती है कि वी0एम0 सिंह किसानों को लाभ दिलाने के नाम पर चीनी मिलों को लूटवा रहें है। उन्होने कहा कि ये चीनी मिले सरकार और दलालों को पालना पोषणा बंद कर दे।तो ही किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य नगद ही नही अग्रिम भूगतान के रूप में दे सकती है।
वी0एम0 सिंह ने आज कहा कि किसानों की एकजूटता और एक साथ संघर्ष करने की इस पहल से उनका 2009-10 और पिछले वर्ष से लेकर अब तक विलम्ब से किए गये भुगतान पर ब्याज का रास्ता अब खुल 
सा गया है। जहॉ लखनऊ में सरकार के चेतने और गन्ना आयुक्त कार्यालय में आयी तेजी के बाद विभिन्न जनपदों की सोसाइटियों के पास ब्यौरा भेजा जाना शुरू हो गया है कि किस मद में किसान का कितना बकाया अवशेष है। सरकार हिल गयी है इसका बडा कारण उच्चतम न्यायालय बार के अध्यक्ष एम0एन0 कृष्णामणि द्वारा धरना स्थल पर आकर यह घोषणा भी है के जो सरकार अदालत के आदेश का पालन नही करा पाये उस सरकार को अनुच्छेद 142,143 के तहत केन्द्र सरकार बर्खास्त करने की कार्यवाही भी कर सकती है। इसके लिए कोई आम इंसान भी अनुच्छेद 32 के तहत उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकता है। उन्होने कहा कि जब उनके पास सभी ब्यौरा लिखित रूप में आ जायेगा और वह संतुष्ट हो जायेगे तभी वह धरना उठाने की घोषणा करेंगे।
वी0एम0 सिंह ने मौजूद किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि जब तक आपके खेतो में गन्ना खडा है जब तक कोई चीनी मिल बन्द नही होगी। उन्होने कहा कि कुछ जनपदों की चीनी मिलों ने पैराई सत्र समाप्त होने की तिथियां घोषित कर किसानों में अफरा तफरी का माहौल पैदा कर दिया है। उन्होने किसानों को कहा कि इससे घबराने की जरूरत नही यह केवल किसानों को धरने में आने से रोकने भर की एक चाल है। उन्होने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बैंच से 1996 से उनकी रिट पर आदेश आया था कि जब तक खेतो मंे गन्ना रहेगा मिले चलती रहेगी अगर मिले बन्द हुई तो खेतों मंे खडे गन्ने की फसल का भुगतान मिलों को करना होगा। वह आदेश आज भी कारगर है।
उन्होने  कहा कि आगामी पैराई सत्र में हर  हालत में चीनी मिलों को एक नवम्बर से चलाना होगा। किसान को रिकवरी से कोई मतलब नही है। किसान को गन्ने के साथ अन्य फसल लगाने का समय भी देखना होता है।
आज आन्दोलन के क्षत्रिय सेना सुरेन्द्र सुधाकर कुशवा ने समर्थन दिया वही नोएडा को घोडी बछैडा में 2008 में हुए आन्दोलन में अग्रणिय भूमिका निभाने वाले किसान संघर्ष समिति के गजेन्द्र, कुलदीप, विनोद आदि ने भी समर्थन देने की घोषणा की। वहीं पराग दुग्ध संघ मेरठ के डायरेक्टर मण्डल ने भी रामवीर सिंह दादरी के नेतृत्व में समर्थन देने की घोषणा की।
आज धरने की अध्यक्षता श्रीपाल घडी और संचालन मेजर हिमांशु ने किया।
मुख्य वक्ताओं मंे विकास बालियान, धर्मवीर कटोच, जितेन्द्र सिंह बहादरपुर, डॉ युनूस खान युनूस, ईश्वर मलिक, पूनम ढिल्लन एडवोेकेट, कृपाल सिंह पूर्व प्रधानाचार्य, एस0के0 दास, दिनेश चौहान, विजय शुक्ला चेयरमैन पीलीभीत, राजवीर सिंह सम्भल, सरदार बोग सिंह, पप्पू उर्फ अमरजित शाहजांपुर, संजय दुधधारी ख्ेाडी, निखिल राणा, मदन गुज्जर, विरेन्द्र बरला, रामपाल सिंह चौहान, बुद्ध सिंह पहलवान, परवैज खान, ताराचन्द्र तारया शोभापुर, चौधरी रामवीर सिंह मण्डल प्रभारी आदि रहे।
आज भी बढला, धंजु, शाहपुर जेनपुर, ततिना, दुलैरा, बिराना, कुतुबपुर, दौराला, कुलिंजर आदि गावों से भोजन आया। धरना स्थल पर बाबूराम बालियान की ओर से निशुल्क चाय का वितरण आज भी जारी रहा।   

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