शिक्षा को कारोबार
ना बनाया जाए: कलाम
(शरद)
नई दिल्ली (साई)।
शिक्षा को दो तीन दशकों से व्यवसाय बना लिया गया है। जगह जगह कुकुरमुत्ते की तरह
शिक्षा की दुकानें सजी हुई हैं। कोर्स की किताबों से लेेकर शालेय गणवेश तक में
कमीशन का जबर्दस्त बोलबाला होता है। डोनेशन और केपीटेशन फीस ना लेने के न्यायालय
के फैसले के बाद भी शाला संचालक बाज नहीं आ रहे हैं। डॉ.कलाम को इसकी चिंता सता
रही है।
पूर्व राष्ट्रपति
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने शिक्षा के बाजारीकरण का विरोध करते हुए कहा कि इसे
कारोबार नहीं बनाना चाहिए बल्कि अच्छे शिक्षकों द्वारा यह प्रदान की जानी चाहिए।
कलाम ने कहा कि शिक्षा कारोबार की वस्तु नहीं हो सकती। प्राथमिक स्तर पर शिक्षा
अच्छे शिक्षकों द्वारा अच्छे पाठ्यक्रम के माध्यम से समेकित तरीके से दी जानी
चाहिए। साथ ही, अभिभावक, छात्र और शिक्षकों
के बीच घनिष्ठ संबंध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
कलाम ने नेशनल हाई
स्कूल के शताब्दी समारोह में छात्रों के साथ एक परिचर्चा में अपने स्कूल का उदाहरण
पेश करते हुए कहा कि उनके स्कूल के दिन रामेश्वर पंचायत प्राइमरी स्कूल के
सुविधाहीन होने के बावजूद खुशी भरे थे। उन्होंने बताया कि उनके शिक्षकों का
उद्देश्य शिक्षा का प्रसार करना था और उनके शिक्षकों को सभी छात्र पसंद करते थे
तथा बीच में कोई छात्र पढाई भी नहीं छोड़ता था। वैज्ञानिक होने के अलावा देश के
राष्ट्रपति पद को सुशोभित कर चुके 81 वर्षीय ‘मिसाइल मैन’ ने कहा कि वह
अध्यापन पसंद करते हैं।
कलाम ने कहा, ‘‘मैं एक शिक्षक, एक वैज्ञानिक और
प्रशासक रहा हूं। अब मैं फिर से अध्यापन की ओर लौटा हूं। यदि आप मुझसे पूछते हैं
कि मुङो सबसे ज्यादा क्या पसंद है, तो मेरा जवाब होगा अध्यापन।’’छात्रों से मिलने
के लिए कलाम नियमित तौर पर पूरे देश की यात्र किया करते हैं। कलाम ने जब छात्रों
से पूछा कि स्कूल से पास होकर निकलने के बाद वह वहां से क्या लेकर जाएंगे, छात्रों ने कहा, ‘‘ज्ञान।’’इस पर कलाम ने कहा, ‘‘ज्ञान का अर्थ है
रचनात्मकता और सदाचार तथा साहस।’’
कलाम ने अगले पांच
साल के लिए अपना विजन पेश करते हुए कहा, ‘‘हम एक ऐसा राष्ट्र चाहते हैं जहां महिलाओं
और बच्चों के खिलाफ अपराध नहीं हो तथा समाज में कोई भी व्यक्ति खुद को अलग थलग
महसूस नहीं करे।’’कलाम ने
कहा कि वह एक ऐसा राष्ट्र चाहते हैं जहां गांव और शहर के बीच बहुत कम अंतर हो। वह
चाहते हैं कि शासन पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त हो।
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