पेंशन की राशि
पर्याप्त नहीं: केंद्र सरकार
(महेश)
नई दिल्ली (साई)।
देश में विधवाओं, विकलांगों
और बुजुर्गों को दी जाने वाली पेंशन राशि पर्याप्त नहीं है। यह बात पेंशन पाने
वाले तो कह ही रहे हैं अब तो सरकार भी इसी बात को दोहरा रही है। सरकार ने कहा है
कि शीघ्र ही इस योजना के मानकों में बदलाव किया जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम
रमेश ने प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्यों के इस मत से सहमति जताई कि पेंशन
योजना में बदलाव और पेंशन राशि बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पेंशन की
पात्रता में भी बदलाव किया जाएगा।
जयराम रमेश ने कहा
कि इस समय विधवाओं को 300 रुपये, विकलांगों को 300 रुपये, वृद्धों को 200 रुपये तथा 80 साल से ज्यादा
उम्र के बुजुर्गों को 500 रुपये महीने पेंशन दी जा रही है। उन्होंने साफ कहा कि यह रकम
पर्याप्त नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि ज्यादातर राज्यों में इस पेंशन राशि का
डिस्ट्रीब्यूशन भी वक्त पर नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस रकम को
बढ़ाने पर विचार कर रही है। अगले दो तीन महीनों में इस बारे में कोई न कोई फैसला कर
लिया जाएगा।
ग्रामीण विकास
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार, विकलांगों, विधवाओं और
बुजुर्गों के लिए पेंशन के मद में राज्यों को अनुदान देती है। कुछ राज्य सरकारें
अपनी और से भी पेंशन राशि देती है। हम चाहते है कि जितनी राशि केंद्र सरकार देती
है उतनी ही राशि राज्य सरकारें भी अपनी ओर से मिलाएं, लेकिन ज्यादातर
राज्य ऐसा नहीं कर रहे है।
उन्होंने कहा कि
विकलांग पेंशन के लिए शारीरिक अक्षमता की परिभाषा भी सीमित है। अभी 80 प्रतिशत अक्षमता
पर ही पेंशन दी जा रही है। इसे कम कर के 40 फीसदी किया जाना चाहिए। रमेश ने जोर देकर
कहा हम पेंशन और उसकी पात्रता की परिभाषा दोनों में ही बदलाव करने के लिए
प्रतिबद्ध है। मेरा मानना है कि पेंशन की राशि सम्मानजनक होनी चाहिए।
ग्रामीण विकास
मंत्री ने यह भी बताया कि मिहिर शाह समिति ने पेंशन योजना में व्यापक बदलाव की
सिफारिश की है। अगर इन सिफारिशों को मान कर इन्हें लागू किया जाता है तो देश में
पेंशन पाने वालों की तादाद दो करोड़ 60 लाख से बढ़कर नौ करोड़ तक पहुंच जाएगी। इस
समय सरकार पेंशन पर 9500 करोड़ खर्च कर रही है। नए नियमों में यह रकम काफी बढ़ जाएगी।
रमेश ने यह भी कहा
कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम लागू हो जाने के बाद पेंशन पाने वाले लोगों को
तय समय पर पेंशन मिल जाया करेगी।
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