श्रीलंका मामले में
संसद में हो प्रस्ताव पारित
(प्रीति सक्सेना)
चेन्नई (साई)।
डीएमके प्रमुख एम. करूणानिधि ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका पर
अमरीका-समर्थित प्रस्ताव के मसौदे में संशोधन के लिए संसद में प्रस्ताव पारित करने
की मांग की है। केन्द्रीय मंत्रियों पी. चिदम्बरम, ए. के. एंटनी और
गुलाम नबी आजाद के साथ कल चेन्नई में दो घंटे तक विचार-विमर्श करने के बाद
करूणानिधि ने बताया कि संशोधन में, युद्ध अपराधों के आरोपों की जांच के लिए
स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय आयोग का गठन करना शामिल है।
श्री करूणानिधि ने
कहा कि श्रीलंका सेना और प्रशासन पर नरसंहार और युद्ध अपराधों के मामले भी शामिल
किए जाने चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री को चर्चा के नतीजों से
अवगत कराया जाएगा। डीएमके, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन में शामिल है और वह श्रीलंका के
मुद्दे पर सरकार पर दवाब बढा रही है।
इस बीच, तमिलनाडु में यह
मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सभी राजनीतिक दलों ने कहा है कि भारत को प्रस्ताव के
मसौदे पर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए और कथित युद्ध अपराधों की स्वतंत्र जांच का
समर्थन करना चाहिए। छात्र भी राज्यभर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के जरिए यही
मांग कर रहे हैं। राज्य के पांच सौ से अधिक कॉलेज अगली सूचना तक के लिए बंद हैं।
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