छात्रा की मौत छेड़ने के कारण!
(संतोष श्रीवास)
सिवनी (साई)। उत्कृष्ट और एमएलबी स्कूल के छूटने के समय छात्राओं को छेड़ने वाले असमाजिक तत्वों के हौसले कितने बढ़ गये हैं और छेड़छाड़ की आम लगने वाली ये घटनाएं विकराल रूप धारण कर किसी की मृत्यु तक का कारण बन सकती है ये बात ग्राम बलपुरा निवासी 16वर्षीय छात्रा जयकुमारी बघेल के साथ हुई घटना से साबित होती है।
ज्ञातव्य है कि गत 15मार्च को जबलपुर रोड स्थित एनटीपीसी के पास परीक्षा देने आयी एक स्कूली छात्रा कृष्णा बस सर्विस की बस से टकरा गयी थी। छात्रा को जब जिला चिकित्सालय ले जाया गया तो चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
ऊपर से सामान्य प्रतीत होने वाला घटनाक्रम वास्तव मे सामान्य नहीं है। कृष्णा बस सर्विस की चपेट मे आकर मृत हुई 16वर्षीय छात्रा वास्तव मे छेड़छाड़ का शिकार हुई थी और वह उसे छेड़ने वाले युवक से बचकर ागने की कोशिश में बस की चपेट मे आयी थी। यह बात आज घटना की जानकारी रखने वालों के माध्यम से संवाद कुंज को पता चली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत दिनांक 15मार्च को दोपहर लगग 01बजे उक्त छात्रा अपनी सहेलियों के साथ जा रही थी ती एनटीपीसी और साँई मंदिर के बीच जो लकड़ी का टाल है उसके सामने मोटरसायकल मे सवार एक युवक आया और उसने छात्रा को रोककर न केवल उसे पकड़ लिया बल्कि अश्लील स्पर्श ी किया। लड़के की इस हरकत पर छात्रा ने उसे दो चप्पल जमा दी और अपनी सहेलियों के साथ आगे बढ़ गयी।
बताया गया है कि उक्त लड़का कुछ देर वहीं खड़ा रहा फिर बदला लेने के उद्देश्य से उसने अपनी मोटरसायकल झटके से किक मारकर चालू की और तेजी से लड़की के पास पहुँचा और उसका रास्ता पुनः रोककर उसे खींचकर दो झापड़ रसीद कर दिये। लड़का आगे ी कुछ करने की सोच रहा था ये ाँपकर छात्रा लड़के से बचने के लिये तेजी से ागी और जबलपुर की ओर से आ रही बस की चपेट मे आ गयी।
उक्त लड़की के बस की चपेट मे आ जाने के बाद वहाँ ीड़ इकट्ठा होने लगी ऐसे मे लड़के ने छात्रा की सहेलियों को धमकाया कि वो अपना मुँह बंद ही रखें और रफूचक्कर हो गया। मौके पर इकट्ठा हुए लोगों ने घायल छात्रा को जिला चिकित्सालय ले गये जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दोपहर को घटित हुए उक्त घटनाक्रम के बाद शाम को ठेकेदार रामप्रसाद डहेरिया जो कि घटनास्थल के पास ही रहते हैं, जब अपने घर पहुँचे तो उन्हें उनके बेटे, कर्मचारियों व सामने स्थित लकड़ी के टाल वाले ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी जो कि घटनाक्रम के प्रत्यक्षदर्शी थे।
पूरा घटनाक्रम सुनने के बाद अगले दिन डहेरिया ने एसडीओपी सिद्धार्थ बहुगुणा को इसकी जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने लड़की के परिजनों तक ये खबर पहुँचायी कि वे आकर उनसे मिल लें। अगले दिन लड़की के परिजन आकर रामप्रसाद डहेरिया से मिले तब जाकर छात्रा के परिजनों को सारे घटनाक्रम की जानकारी मिली। पूरी जानकारी मिलने के बाद छात्रा के परिजनों ने कहा कि कल उनकी लड़की का तीसरा है अतः रिपोर्ट ी अगर वे करेंगे तो तीसरे के बाद ही करेंगे।
ऐसा बताया जाता है कि छात्रा को छेड़ने वाला उक्त लड़के का नाम मनोज ट्ट है और वो एमएलबी स्कूल के पास से ही छात्रा को छेड़ता आ रहा था और छेड़ते-छेड़ते वो पावर ग्रिड के आगे तक पहुँच गया था और यहाँ पहुँचने के बाद जो घटना घटी उसके कारण छात्रा की मृत्यु हो गयी।यहाँ यह उल्लेखनीय है कि उत्कृष्ठ विद्यालय और एमएलबी से छूटने वाली लड़कियों के साथ छेड़खानी कि इस प्रकार की घटनाएँ बहुत आम है। अनेकों बार लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से की जाकर यह मांग ी की है कि स्कूल लगने और छूटने के समय वहाँ पर चीता फोर्स रहे किन्तु कुछ दिन तक ये व्यवस्था बनी रहती है और बाद मे व्यवस्था फिर लचर हो जाती है।
0ऐसा दोबारा न हो
मुझे यह जानकारी मिली है कि ये सामान्य घटनाक्रम नहीं है, मामला छेड़छाड़ का हैै इसीलिये घटना और ी दुःखद है। पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार कर उचित कार्यवाही करना चाहिये एवं व्यवस्था ऐसी बनानी चाहिये कि विष्य मे किसी के साथ ऐसा न हो। पुलिस को घटना के जो प्रत्यक्षदर्शियों हैं उनके बयान ले उन्हें सुरक्षा ी देना चाहिये ताकि कोई उन्हें प्रावित न कर सके।
- नरेश दिवाकर, अध्यक्ष महाकौशल विकास प्राधिकरण
0घटना दबानी नहीं चाहिये, दोषी को सजा हो
दिल्ली मे हुई घटना की प्रतिक्रियास्वरूप सिवनी मे ी काफी रैलियाँ और मोमबŸाी जुलूस निकाले गये। अी पूरा देश महिलाओं की सुरक्षा की बात कर रहा है। नये कानून बनाने तक की बात पर बहस जारी है। ऐसे मे सिवनी मे हुई इस घटना को दबाना नहीं चाहिये और घटना की निष्पक्ष जाँच कर यदि कोई दोषी है तो उसपर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिये।
- आशुतोष वर्मा, इंका नेता
0नौजवानों को सड़कों पर आना होगा
जो घटना है वह दुर्ाग्यपूर्ण है और सारे तथ्यों की जाँच करके जो अपराधी है उसके विरूद्ध हत्या का प्रकरण दर्ज हो। जो दिल्ली में गैंगरेप हुआ है उसी कड़ी में सिवनी में कैंडिल मार्च निकला था, लेकिन इस मनोवृत्ति को रोकने के लिए बड़े जनजागरण की आवश्यकता है। पिछले दौर में सिवनी में मजनुओं को रोकने के लिए पुलिस की ूमिका निष्क्रिय रही। दिल्ली मे हुई घटना के बाद काँलेज के छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतरे थे, युवाओं ने आंदोलन किया था तब जाकर मामले ने तूल पकड़ा और सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के लिये चिंतित होना पड़ा। सिवनी में महिलाओं के सतत् सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना अब बहुत जरूरी हो गया है।
- नरेंद्र अग्रवाल, व्यवसायी, समाजसेवी
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