रमन ने दिया मनमोहन
को धन्यवाद
(एन.के.श्रीवास्तव)
रायपुर (साई)।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को
भेजे गए पत्र की आज केन्द्र सरकार में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली, जब प्रधानमंत्री की
अध्यक्षता में केन्द्रीय केबिनेट ने यौन हिंसा के खिलाफ प्रस्तावित नये कानून के
मसौदे में सहमति से सेक्स के लिए 16 वर्ष की उम्र रखने के अपने फैसले को पलटते
हुए उसे यथावत 18 वर्ष रखने
का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय केबिनेट के इस नये निर्णय के बारे में
आज रात में मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलने पर प्रधानमंत्री के प्रति आभार
प्रकट किया है। उल्लेखनीय है कि डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री को कल भेजे गए पत्र
में सहमति सेक्स के लिए 16 वर्ष की आयु रखने के केन्द्र के फैसले को महानगरीय मानसिकता
का नतीजा बताते हुए इस पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने पत्र में
यह भी लिखा था कि फैसला देश के सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर सकता है। इससे
हमारी नई पीढ़ी पर इसका बुरा असर होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी लिखा था कि इस प्रकार
का निर्णय सम्पूर्ण भारतीय सामाजिक व्यवस्था और हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति पर
आघात के समान होगा। यह विवाह की पवित्र परम्परा और संस्कार के भी खिलाफ होगा, जो हमारी भारतीय
संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने लिखा था कि ऐसा लगता है कि
इस प्रकार का निर्णय बहुसंख्यक समाज की भावना और संस्कारों के विपरित कुछ
पाश्चात्य विचारों से प्रेरित लोगों को ध्यान में रखकर लिया गया है। डॉ. रमन सिंह
ने प्रधानमंत्री को यह भी लिखा था कि शारीरिक विकास पोषण की मांग करता है और
ग्रामीण क्षेत्र के गरीब इस मापदंड में पिछड़े हुए है। ऐसे में 16 वर्ष की उम्र में
यौन संबंधों के लिए न तो उनका शरीर मानसिक और शारीरिक दोनो तरीकों से इसके लिए
परिपक्व नहीं होगा। अधिकांश चिकित्सा विषेषज्ञों ने भी 16 वर्ष की उम्र को
इन संबंधों के लिए खतरनाक बताया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी विश्वास
दिलाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार देश में यौन हिंसा के खिलाफ बनने वाले कानून कड़ाई से
पालन करेगी।
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