अंगूर हो रहे
कीटनाशक से जहरीले!
(विनीता विश्वकर्मा)
पुणे (साई)। अंगूर
की फसल को कीड़े से बचाने के लिए कीटनाशकों के प्रयोग से अंगूर अब जहरीले होते जा
रहे हैं। अंगूर के उत्पादन में सबसे अधिक कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। इसमें
करीब 230 कीटनाशकों
का प्रयोग होता है,
जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक हैं।
एग्रीकल्चरल एंड
प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीडा) के सूत्रों ने समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 90 के दशक में कीटनाशकों के ज्यादा प्रयोग के
कारण यूरोपियन देशों ने भारतीय अंगूर खरीदना बंद कर दिया था। कई देशों ने
पूरे-पूरे पेज का विज्ञापन देकर इसकी खरीद पर आपत्ति जतायी थी।
इसके बाद मंत्रलय
के हस्तक्षेप से विदेशों में भेजे जानेवाले अंगूरों की जांच होने लगी। कीटनाशक की
मात्र की जांच कर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को संतुष्ट किया गया। अब एपीडी का टैग
लगाने के बाद ही अंगूर विदेशों में भेजा जाता है। लेकिन, देश में अंगूरों की
जांच नहीं होती। बगीचों से इसे सीधे बाजार में भेज दिया जाता है। आम तौर पर लोग
इसे बिना धोये ही इस्तेमाल कर लेते हैं। लंबे समय तक इसके इस्तेमाल के दुष्प्रभाव
का कोई अध्ययन नहीं हो पाया है।
भारतीय व्यापारिक
संघ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी, ऑफ इंडिया को बताया कि भारत में तैयार
होनेवाला 70 फीसदी
अंगूर विदेश भेज दिया जाता है। 90 के दशक में तीन हजार से अधिक कंटेनर अंगूर
यूरोपियन देशों में जाता था। यूरोपियन देशों द्वारा इसके खरीद से मना कर दिये जाने
पर 500 से 600 कंटेनर की मांग ही
विदेशों से हो रही थी। इसके बाद वाणिज्य मंत्रलय ने इसमें हस्तक्षेप किया था।
जानकारों का कहना
है कि देश में आज भी बहुत कम किसान ही अपने उत्पादों की जांच करा पाते हैं। बिना
एपीडा का लोगो लगाये कोई भी उत्पाद विदेशी बाजारों में नहीं जाता। देश में भी
उत्पादों की जांच के बाद ही उसे बाजार में लाना चाहिए। वैसे महिलाओं के दूध में भी
खाद्य पदार्थाे के कीटनाशी पहुंचने लगे हैं। इससे गुस्सा, एलर्जी, पाचन की परेशानी
जैसी छोटी बीमारियां होती हैं। पंजाब में तो कैंसर व लीवर की बीमारी भी होने लगी
है।
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