अर्से बाद शिव का
रूख शिव की नगरी की ओर!
(राजेश शर्मा)
भोपाल (साई)। मध्य
प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान एक लंबे अर्से के बाद सिवनी के हवाई दौरे पर जा
रहे हैं। मुख्यमंत्री निवास से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शनिवार 23 मार्च को सिवनी
जिले के ओला प्रभावित क्षेत्रों में से दो गांवों का निरीक्षण करेंगे। सूत्रों ने
बताया कि मुख्यमंत्री शनिवार को गोरखपुर और लामटा सुनवारा का निरीक्षण करेंगे।
समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया के सिवनी ब्यूरो ने बताया कि कभी दो से तीन मंत्रियों वाले सिवनी जिले को
लंबे समय से लाल बत्ती से महरूम रखा गया है। भाजपा शासनकाल में डॉ.ढाल सिंह बिसेन
अंतिम मंत्री थे जो लाल बत्ती धारित किए हुए थे। उनके उपरांत लाल बत्ती उनके और
जिला भाजपाध्यक्ष नरेश दिवाकर के पास है, पर मंत्री कोई भी नहीं है।
मंत्री विहीन शिव
की नगरी के नाम से मशहूर सिवनी में शिवराज सिंह चौहान ने अपनी हर यात्रा में कभी
संभाग तो कभी मेडीकल कालेज, तो कभी पेंच व्यपवर्तन परियोजना आदि की ना
जाने कितनी घोषणाएं की हैं। यहां तक कि एक बार तो शिवराज सिंह चोहान ने यहां तक कह
दिया था कि सूरज भले ही पश्चिम से निकल जाए पर फोरलेन गलियारा यहीं से जाएगा। इसके
उपरांत घोषणावीर निजाम शिवराज सिंह चौहान इन सबको भूल गए।
साई न्यूज के
छिंदवाड़ा ब्यूरो ने बताया कि अपने पहले कार्यकाल में 14 मई 2008 को शिवराज सिंह
चौहान ने घोषणा की थी कि सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट जिलों को
मिलाकर संभाग का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही नर्मदापुरम संभाग की घोषणा भी की गई
थी। विडम्बना ही कही जाएगी कि शिवराज की सरकार दुबारा बन गई और नर्मदापुरम संभाग
तो अस्तित्व में आ गया पर सतपुड़ा संभाग पांच सालों में अस्तित्व में नहीं आ सका
है।
साई न्यूज के सिवनी
ब्यूरो ने बताया कि सीएम की घोषणा के त्वरित पालन में 06 जून 2008 में राजपत्र में
अधिसूचना जारी कर साठ दिनों में दावे अपत्ति आमंत्रित किए गए थे। इसके बाद यह
मामला ठण्डे बस्ते के हवाले एसा किया गया कि इस संबंध में ना तो कांग्रेस ने और ना
ही भाजपा के विधायकों ने कोई आवाज उठाने की जहमत उठाई।
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