मनीष तिवारी की नाक के नीचे यौन शोषण
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)। सूचना प्रसारण मंत्री
मनीष तिवारी की नाक के नीचे प्रसार भारती में यौन शौषण के गंभीर आरोप से कांग्रेस
सकते में है। सरकारी रेडियो एफ एम गोल्ड में महिलाओं के यौन शोषण को लेकर दायर
याचिका के बाद देश भर में सरकारी भर्राशाही पर बहस शुरु हो गई है। प्रसार भारती के
उपक्रमों में अनुबंध के आधार पर काम करने वाली महिलाओं के यौन शोषण की बात सामने
आने के बाद प्रसार भारती के नियम-कायदों को भी सवालों के घेरे में लाया जा रहा है।
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता मीरा
मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि एफएम गोल्ड में
कार्यरत महिलाओं का यौन उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया
रिपोर्टाे के माध्यम से कथित तौर पर एफएम चौनल की महिला कर्मचारियों के यौन
उत्पीड़न के बारे में पता चला था। इन रिपोर्टाे के अनुसार ये लोग पिछले कई वर्षाे से
चौनल में काम करती थी। उनकी सेवाओं को बिना कोई कारण बताए समाप्त किया कर दिया
गया। दायर याचिका में प्रसार भारती के एफएम गोल्ड तथा ऑल इंडिया रेडियो में महिला
रेडियो प्रस्तोताओं का यौन उत्पीड़न एवं शोषण रोकने के निर्देश देने की मांग की गई
है।
इस जनहित याचिका के बाद हाईकोर्ट के चीफ
जस्टिस डी मुरुगेसन और न्यायमूर्ति वीके जैन की खंडपीठ ने प्रसार भारती के सीईओ और
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुये 15 मई तक जवाब देने को कहा है। माना जा
रहा है कि महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर कुछ और मामले सामने आ सकते हैं।
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