लाल बत्ती और हूटर बना स्टेटस सिंबल
(मणिका सोनल)
नई दिल्ली (साई)। देश भर में लाल बत्ती
और सायरन या हूटर लगे वाहनों की बाढ़ आ गई है। इन लाल बत्तियों और हूटर से आम जनता
आजिज आ चुकी है। देश की शीर्ष अदालत ने इस पर संज्ञान लिया है। इसके गलत प्रयोग के
लिए देश की शीर्ष अदालत काफी सख्त नजर आ रही है।
लाल बत्ती वाली गाड़ियों पर सुप्रीम
कोर्ट ने गुरुवार को तमाम राज्य सरकारों को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि गाड़ियों
पर रेड लाइट लगाना और सायरन बजाना स्टेटस सिंबल बन गया है। इसका गलत इस्तेमाल करने
वालों पर 10 हजार रुपये फाइन लगाया जाए। न मानने वालों की गाड़ियां जब्त की जाएं।
कोर्ट ने कहा कि वीआईपी के नाम पर लाल बत्ती वाली गाड़ियों में कमी लाई जाए। अगर 2 जुलाई तक कोई पहल नहीं हुई तो कोर्ट ने
खुद इस मामले में आदेश जारी करने का कहा है।
वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी
का एक सरकारी बंगला बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह को दिए जाने पर केंद्र
सरकार की खिंचाई की है। कोर्ट ने सरकारी मकानों से अनधिकृत कब्जा हटाने के मामले
में मनमाना रवैया अपनाए जाने पर आलोचना की है। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि बूटा
सिंह को सरकारी बंगला सुरक्षा कारणों से मुहैया कराया गया है। इस पर कोर्ट ने
नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुरक्षा को खतरा और सरकारी बंगले में क्या संबंध है?
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति
आयोग के अध्यक्ष रहे बूटा सिंह का कार्यकाल 2010 में पूरा हो गया था। इसके बाद भी उनके
सरकारी बंगले के अलॉटमेंट को उनके फेवर में रेग्युलर करने के सरकार के फैसले पर
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने यह जानना
चाहा कि यह अलॉटमेंट बूटा सिंह के फेवर में रेग्युलर क्यों किया गया? किस प्रावधान के तहत ऐसा किया गया यह
बताया जाए। अदालत ने कहा कि अवैध तरीके से कब्जा धारकों से मकान खाली कराने के
मामले में एकसमान व्यवहार नहीं किया गया है। आप सभी से मकान खाली कराएं या फिर
भेदभाव न करें।
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