शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

सावधान! आने वाला है भारी जलसंकट


सावधान! आने वाला है भारी जलसंकट

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। इस वर्ष अल्पवर्षा के चलते कभी भी बारिश हो रही है। मानसून के मेहरबान न होने से बांध एवं तालाब समय पूर्व ही सूख चुके हैं, जिसके चलते आने वाली ग्रीष्म ऋतु में सिवनी जिले को भारी जलसंकट का सामना करना पड़ेगा। सफेद हाथी के नाम से मशहूर हो चुकी भीमगढ़ जलावर्धन परियोजना सिवनी के लिए अपर्याप्त है। बीते 20 वर्षाे में जिस तेजी से सिवनी आबादी बढ़ी है, उससे जलसंकट का होना लाजिमी है। साथ ही जल का दुरूपयोग भी जलसंकट का एक प्रमुख कारण है। जगह- जगह हो रही बोरिंग और मोटरों के माध्यम से पानी को खींचकर अपना घर भरकर दूसरों को प्यासा रखने वालों पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही हैं। ग्रीष्म ऋतु में छुट्टियों के चलते जहां कई धार्मिक एवं पारिवारिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें मेहमानों की संख्या बढ़ जाती है और पानी का व्यय भी अधिक होता है, किंतु मांग के मुकाबले पूर्ति और कम हो जाती है, जिससे आदमी चाहता है कि जितना पानी स्टॉक हो सके, कर लिया जाये। एक दिन नल न आने पर जो हा- हाकार देखने को मिलता है, वह कभी भी किसी बड़ी घटना की ओर इशारा करता है।  इसी तहर हर हफ्ता- दस दिन में पीएचई की पाईप लाईन फूट जाती है,जिसके मरम्मतीकरण के लिए कोई भी उच्चाधिकारी ध्यान नहीं देता। वहीं पीएचई मंत्री भी जिले की जलसमस्या से अनजान बने हुए हैं। शासन- प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनाकर आने वाले जलसंकट से निपटने के उपाय ढूंढ लिये जायें, अन्यथा सभी दार्शनिकों का कहना है कि अगले विश्वयुद्ध का यदि कोई सबसे बड़ा कारण होगा तो वह श्पानी्य ही होगा। 

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