शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

पुलिस सुस्त अपराधी चुस्त


पुलिस सुस्त अपराधी चुस्त

(श्रवण मवई)

सीहोर (साई)। पिछले दो सप्ताह से दोराहा पुलिस नये खुलासे कर रही है। बीते दिनों छह आरोपियों के साथ आधा दर्जन से अधिक हथियारों को पत्रकारों को दिखाते हुए बताया गया कि पुलिस ने जान पर खेलकर इन आरोपियों और अवैध हथियारों को बरामद किया है। पुलिस द्वारा जारी की गई प्रेस नोट में इस हथियारकांड में बलवीर दांगी नामक आरोपी को फरार बताया।
ठीक एक सप्ताह बाद पुलिस ने बलवीर दांगी नामक शख्स को पत्रकारों के सामने प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह कुख्यात बदमाश है और पिछले डेढ़ साल से लूट के मामले में फरार था। इस पर पांच हजार रुपए का इनाम है। सवाल यही से खड़ा होता है पिछले डेढ़ साल में इस बलवीर दांगी ने अवैध हथियारों को दोराहा थाना क्षेत्र में ही आते जाते बेचा, इस डेढ़ साल के दौरान पुलिस क्या कर रही थी।
बलवीर दांगी पर पांच हजार का इनाम काफी समय पहले घोषित किया गया था। खैर पुलिस ने बलवीर दांगी को पत्रकारों के समक्ष पेश कर आखिरकार अपनी पीठ थपथपा ही ली। इधर पत्रकारों से बात करते हुए बलवीर दांगी ने एक लाइन में अपनी पीड़ा जाहिर की। उसने कहा पुलिस जो कहे वो सच...। दरअसल उसने यह जबाव एक वरिष्ठ पत्रकार के इस सवाल पर दिया था कि तुम्हारा गांव कासरखेड़ी कहां है और क्या तुम्हें वहीं से पकड़ा।
पुलिस ने दूसरी मर्तबा जारी अपनी प्रेस नोट में कहा है कि मुखबिर द्वारा थाना प्रभारी दोराहा डीएस चौहान को सूचना मिली कि कुख्यात बदमाश लूट का फरार आरोपी बलवीर सिंह दांगी निवासी ग्राम कासरखेड़ी जो कि करीबन डेढ़ साल पूर्व लूट की बड़ी वारदात कर फरार है। अपने गांव कासरखेड़ी अपने पैदा हुए बच्चे से मिलने के लिए आने वाला है। इस सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सक्सेना के निर्देशन में एक टीम का गठन किया गया। जिसमें अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अवनीश बंसल के नेतृत्व में थाना प्रभारी दोराहा डीएस चौहान, चौकी प्रभारी श्यामपुर सुश्री उर्मिला चौधरी, सहायक उप निरीक्षक राजेश यादव सहित एसडीओपी कार्यालय के कर्मचारी एवं थाना दोराहा व चौकी श्यामपुर के अधिकारी, कर्मचारियों की टीम गठित की गई। इस टीम द्वारा दिनांक 4.4.13 को यानि की आज गुरुवार को कुख्यात बदमाश बलवीर पिता स्व. बद्रीप्रसाद दांगी उम्र 35 साल निवासी कासरखेड़ी को पकड़कर उसके पास से एक 12बोर बंदूक व तीन कारतूस जिंदा तथा एक पिस्टल, जिंदा दो कारतूस, एक मोटर साइकिल प्लेटिना लाल रंग, बजाज कंपनी की जो चोरी की है। जब्त की गई। इस कार्रवाई में प्रधान आरक्षक अजय सल्लाम, ब्रह्माशंकर, रमेश सोनी, आरक्षक विरेन्द्र सिंह, सियाराम, संतोष सोनी, शैलेन्द्र सिंह तौमर, सुरेश कुमार प्रजापति, हेमंत विश्वकर्मा, विजय कोठारी, अब्दुल जमील, राधेश्याम का सराहनीय योगदान रहा।
पुलिस की ही प्रेस नोट के अनुसार पकड़े गए बलवीर दांगी पर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट, अवैध हथियार एवं मारपीट संबंधी करीब एक दर्जन मामले सीहोर जिले के अंतर्गत दर्ज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त आधा दर्जन से अधिक मर्तबा प्रतिबंधात्मक कार्रवाई इसके विरुद्ध पुलिस द्वारा की गई। इसके द्वारा ग्राम छापरी एवं सेमरादांगी के बीच ठाकुर प्रसाद रघुवंशी निवासी कांजरखेड़ा को सरेराह अपने साथी दारानो के साथ हथियारों के बल पर लूटा गया था एवं इसके पश्चात पुनरू इसी माह में डकैती की तैयारी करते हुए इसके साथी दरानो को गिरफ्तार किया गया था तभी से लगातार (बलवीर दांगी) फरार चल रहा था। इसको गिरफ्तार करने हेतू पुलिस अधीक्षक सीहोर के द्वारा पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।
पुलिस ने जारी की गई प्रेस नोट में कई सवालों के जबाव सीधे तौर पर नहीं दिए। पुलिस ने यह नहीं बताया कि चोरी की मोटर साईकिल बलवीर दांगी ने कहां से चोरी की और किस थाने में इस चोरी की मोटर साईकिल के मालिक ने कब चोरी का मामला दर्ज कराया। क्या बलवीर दांगी को इस बात का अंदाजा नहीं था या जानकारी नहीं थी कि पुलिस उसे रातों और दिन तलाश कर रही है और वह अपने गांव बिना खोफ के पहुंच गया। क्या बलवीर दांगी जिसे पुलिस कुख्यात अपराधी बता रही है वह इतना नासमझ है। यदि वह गांव आया भी तो इस बात की जानकारी होने के बावजूद भी कि पुलिस ने उसके साथियों को अवैध हथियारों के साथ एक हफ्ते पहले ही पकड़ा है। क्या वह अपने साथ एक बारह बोर की बंदूक, तीन कारतूस जिंदा, एक पिस्टल, जिंदा दो कारतूस साथ रखकर घूमेगा।
पुलिस द्वारा बताई जा रही कहानी में सबसे बड़ा सवाल यह है कि डेढ़ साल से फरार दोराहा थाना क्षेत्र का इनामी बदमाश बलवीर दांगी अपने साथियों सहित अवैध हथियारों की इसी क्षेत्र में तस्करी करता रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। तो यह माना जाए कि पुलिस का सूचना तंत्र पूरी तरह से फैल हो गया है या फिर बात कुछ और है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि लगभग एक माह पहले बलवीर दांगी का छोटा भाई छोटू जेल से हत्या के प्रयास के मामले में रिहा हुआ है। यह छोटू ही बड़ा करामाती निकला। इस छोटू ने वो करा दिया जिसकी अपेक्षा बलवीर को नहीं थी। अब देखिए ना मोबाईल भी बड़ी कमाल की चीज है ये जितनी सुविधा देता है उतनी दुविधा भी दे देता है। शायद अब बलवीर यही सोच रहा होगा।

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