गुरुवार, 17 जनवरी 2013

सुनिए एक और दामनी की कथा!


सुनिए एक और दामनी की कथा!

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। दिल्ली में दामिनी का गेंग रेप फिर उसका सिंगापुर में निधन, देश को हिलाकर रख दिया था इस वाक्ये ने। अब जयपुर में भी एक दामनी की कहनी सामने आई है। राजस्थान के सीकर जिले की 11 वर्षीय गैंग रेप की शिकार बच्ची अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले साल 20 अगस्त के दिन 6 लोगों ने बच्ची को सीकर शहर के बस स्टैंड से अगवा किया था। बच्ची से गैंग रेप करने के बाद युवकों ने उसे बुरी तरह पीटा भी, ऐसा करने के बाद उन्होंने उसे शहर के बाहरी हिस्से में फेंक दिया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का प्राइवेट पार्ट बुरी तरह से बेकार हो चुका था, जिसके बाद उसकी 6 बड़ी सर्जरी और 8 छोटी सर्जरी करनी पड़ी। बावजूद इसके, बच्ची की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है।
बताया जाता है कि 22 अगस्त को जब बच्ची को जयपुर के जेके लोन हॉस्पीटल लाया गया था तब डॉक्टर भी उसकी हालत देखकर कांप गए थे। उस दिन को याद करते हुए डॉक्टर बताते हैं कि बच्ची का बर्बर तरीके से बलात्कार किया गया था, मांसपेशियों का कोई विभाजन उसकी योनि और मलाशय के बीच नहीं छोड़ा गया था। सर्जनों को उसकी बड़ी आंत का एक हिस्सा नए मलाशय को बनाने और साथ ही कॉलोस्टॉमी सर्जरी के लिए लेना पड़ा। कॉलोस्टॉमी सर्जरी से शौच इत्यादि का वैकल्पिक रास्ता बनाया गया। सर्जन टीम की अगुवाई करने वाले डॉक्टर एलडी अग्रवाल ने बताया कि पिछले साढ़े चार महीने से हमने अपना सर्वश्रेष्ठ उस बच्ची के लिए किया है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि गैंग रेप की शिकार बच्ची बिहार के दरभंगा की रहने वाली है। छह बहनों और एक भाई में यह सबसे छोटी है। पिता की मौत के बाद वह मां के साथ सीकर आई थी। उन्हें उम्मीद थी कि सीकर में उनके रिश्तेदार काम दिलाने के लिए उनकी मदद करेंगे।
बताते हैं कि हादसे के बाद बच्ची ने प्रतिक्रिया देना ही बंद कर दिया है। एक पारिवारिक सदस्य ने साई न्यूज को बताया कि शुरुआत में इंजेक्शन से डरने वाली पीड़ित बच्ची अब किसी भी चीज पर प्रतिक्रिया नहीं देती। उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति दयनीय हो चुकी है।
घटना की निर्लज्जता और पाश्विकता को एक तरफ कर दें तो पुलिस का रवैया भी कोई तारीफ के काबिल नहीं कहा जा सकता। परिवार के सदस्य बताते हैं कि घटना के दिन से ही पुलिस मामले को लेकर बेपरवाह ही रही है। पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज करने से मना कर दिया था। यह सब सिर्फ स्थानीय लोगों की वजह से संभव हो सका क्योंकि उन्होंने घटना के विरोध में मार्च निकाला जिसके बाद केस दर्ज किया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्थान के समकक्ष अशोक गहलोत से पूरे मामले पर गहराई से बात की है जिसके बाद प्रशासन की कार्रवाई तेज हुई।
गैंग रेप के आरोप में 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, दो को जमानत भी दी जा चुकी है क्योंकि पुलिस ने सभी पर आईपीसी की हल्की धाराएं लगाईं। बच्ची के रिश्तेदार कहते हैं कि आरोपी राजनीतिक रूप से काफी मजबूत हैं इसलिए पुलिस का रवैया गंभीर नहीं रहा है। उन्होंने दावा किया कि मुख्य आरोपी अब भी पकड़ में नहीं हैं।

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