गुरुवार, 17 जनवरी 2013

शिक्षण संस्थाएं चरित्र निर्माणशाला के रूप में हो विकसित: एसएसपी


शिक्षण संस्थाएं  चरित्र निर्माणशाला के रूप में हो विकसित: एसएसपी

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. बीबी सिंह ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं को चरित्र निर्माण शाला के रूप में विकसित किया जाए तो समाज से अपराध स्वयं समाप्त हो जाऐंगें। उन्हांेनें महावीर चौक पर तत्काल एक महिला सब इंस्पेक्टर के नेतृत्व में पुलिस स्कवायड स्थापित करने के साथ जल्द ही वहाँ महिला पुलिस चौकी की स्थापना की भी घोषणा की। अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम कल्पना सक्सेना, अपर जिलाधिकारी वित्त राजेश कुमार श्रीवास्तव तथा अपर जिलाधिकारी प्रशासन मनोज कुमार सिंह ने भी इस अवसर पर हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत करते हुए समाज को महिला उत्पीडन के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया। उन्होंने महिला हेल्प लाइन 1090 तथा 100 के व्यापक प्रचार पर भी जोर दिया।
प्रयत्न संस्था के अध्यक्ष एवं आयोजन सचिव समर्थ प्रकाश ने अपने सम्बोधन में कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान महावीर चौक जिसके आस पास लगभग 22 शैक्षणिक संस्थाऐं स्कूल व कॉलेज हैं और आये दिन छात्राएं छेड़छाड़ की शिकार होती है। उनको यह महिला पुलिस चौकी की स्थापना कराने का निर्णय लिया है यह महिला जागरूकता सप्ताह की शुरूआत में नव वर्ष पर एक महत्वपूर्ण भेंट है। इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। 
प्रयत्न संस्था की ओर से नारी सशक्तीकरण एवं सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ आज डीएवी कॉलेज मैदान पर बडी संस्था मंे लगभग तीन हजार इंटर कालेज के बच्चों की उपस्थिति में समाज के विभिन्न वर्गो के वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. बीबी सिंह ने कहा कि आज बच्चों में चरित्र निर्माण की आवश्यकता है। यह दायित्व शिक्षण संस्थाओं का है कि वे बच्चांे के चरित्र निर्माण में अपना योगदान दें। उन्होंनें कहा वैसे तो समाज के लिए तमाम नियम कानून हैं, उनका पालन कराने के लिए पुलिस की भी व्यवस्था है, लेकिन स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए समाज को स्वस्थ चिंतन देने की आवश्यकता हैं उन्होंने कहा कि भारत की परम्परा में नारी को देवी का रूप देते हुए पूजा जाता है। इसके बावजूद आज महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध चिंता का विषय है। एसएसपी ने कहा कि महिला उत्पीडन की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य स्तर पर हेल्प लाइन 1090 शुरू की गई है। इसके अलावा शहर में 100 नम्बर पर भी कोई शिकायत सीधे दर्ज कराई जा सकती है। इस पर तत्काल कार्यवाही होगी। उन्होंनें कहा कि अब सरकार ने यह साफ कर दिया है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ अगर महिला उत्पीडन के मामले साबित होते हैं तो उसके चरित्र सत्यापन पर धब्बा लग जाएगा। इसके साथ ही ऐसा व्यक्ति कभी डीएल तथा कुछ अन्य जरूरी सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाएगा। इन नंबंरो कें अलावा महिला थाना तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी इस तरह की घटनाआंे की शिकायत की जा सकती है। उन्होंनें घरेलू विवादों का नासमझी की उपज बताते हुए  कहा कि जिले में ऐच्छिक ब्यूरों में पिछले वर्ष 542 मामले दर्ज किए गए। इनमें 495 में समझौता कराकर एक बडी सफलता हासिल की गई। केवल पंद्रह ऐसे मामले थे जिनमें उत्पीडन की रिपोर्ट दर्ज की गई। उन्होंनें बताया कि शहर में यौन दुर्व्यवहार की घटनाआंे पर अंकुश लगाने के लिए कुछ स्थानों पर सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा स्कूल कॉलेजों में भी संस्थाओं से अंकुश लगाया जा सके। उन्होंनें कहा कि जिले में ऐसे मामलों में रासुका के तहत भी कार्यवाही की गई है। अपर जिलाधिकारी वित्त राजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि समाज से अपराध रोकने के लिए देशीाक्ति की भावना बच्चों में भरना जरूरी है। उन्होंनें कहा कि कारगिल युद्ध के समय जब पूरा देश राष्ट्रीय चिंतन में था, उस समय सामान्य अपराधिक घटनाएँ नगण्य थीं। ऐसे में शिक्षण संस्थाओं को इस परम्परा को आगे बढ़ाने की जरूरत हैं
एसपी क्राईम कल्पना सक्सेना ने कहा कि हमारे समाज में लडकियों पर तमाम तरह की बंदिशें बचपन से ही लगाई जाती रही हैं इससे उनका मनोबल गिरता है। कई बार जाने अनजाने में स्वयं को कमजोर समझ बैठती हैं। इसका लाभ असामाजिक तत्व उठाते हैं। उन्हांेनें कहा कि कई बार घर में माता अथवा पिता द्वारा किसी बात पर डांट दिए जाने से क्षुब्ध होकर लडकियाँ बाहर निकलती हैं तो किसी अनजान से मिलने वाले हल्के से आश्वासन में बहकर गलत हाथों का शिकार हो जाती है। उन्होंनें झाँसी से अपहृत कर लाई गई युवती का उदाहरण देते हुए कहा कि परिवार के बडे लोग अगर कुछ कहते भी हैं तो वे भले के लिए ही कहते हैं। इससे परेशान नहीं होकर क्षणिक आवेश में गलत कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। उन्हांेनें वूमेन हेल्प लाइन के नम्बरों 1090 तथा 100 को लडकियों के लिए सुरक्षा कवच बताया और इसके बेहतर प्रचार पर जोर दिया।
पूर्व विधायक सोमांश प्रकाश ने कहा कि हमारी परम्परा में नारी को देवी का दर्जा दिया गया है। जरूरत है कि बच्चों मंे अपनी संस्कृति के प्रति जागरूकता पैदा की जाए। डीएवी कॉलेज के सचिव डॉ एमके बंसल ने कहा कि स्कूल कॉलेजों में इसे लेकर जन जागरण की जरूरत है। राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य गीता जैन ने महिलाओं खासतौर से लडकियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया। ऐच्छिक ब्यूरो की सदस्य बीना शर्मा ने कहा कि नारी सशक्तीकरण महिलाओं में स्वाभिमान तथा आत्मनिर्भरता जगाकर ही पूरा किया जा सकता है। आयोजन सचिव प्रयत्न संस्था के अध्यक्ष समर्थ प्रकाश ने कहा कि इस सप्ताह का उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना है और इसके तहत हस्ताक्षर अभियान के अलावा पोस्टर, स्लोगन व निबंध प्रतियोगिताओं तथा गोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंनें बताया कि हेल्प लाइन से सम्बन्धित 50 हजार पत्रक पूरे शहर में बांटे जाऐंगें। आज के आयोजन के प्रभारी डी0ए0वी0 इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शिव कुमार यादव ने सभी का आभार जताया। इस मौके पर कृष्ण गोपाल रईस, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष कुंजबिहारी अग्रवाल, डॉ. एससी कुलश्रेष्ठ, आर्ट ऑफ लिविंग की सुनयना शर्मा, सोनिया लूथरा, फादर विनय कुमार, होती लाल शर्मा, मनेश गुप्ता, प्रयत्न के सचिव विपुल भटनागर, डा. एसके गुप्ता, एसडी इण्टर कॉलेज, प्राचार्य, डॉ गरिमा जैन, गौहर सिद्दीकी, डॉ. एनके पु्रथी, गोविंद वर्मा, अनिता शर्मा, विपुल भटनागर, आरिफा नकवी, अमित पत्पतीया, राहुल गोयल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। संचालन वरिष्ठ पत्रकार ऋषिराज राही ने किया। इसके साथ ही विशाल बैनर पर हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की गई।

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