रेप में फंसा सकती
है सरकार: रामदेव
(शरद)
नई दिल्ली (साई)।
काली मिर्च और बादाम से स्वाइन फ्लू के इलाज का नुस्खा बताने के बहाने बाबा रामदेव
ने जमकर पॉलिटिकल अटैक किए। वह यहां सोमवार को स्वाइन फ्लू पर प्रेस कॉन्फ्रेंस
करने आए थे। रामदेव ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उन्हें मर्डर और रेप के केस
में फंसा कर जेल भेजना चाहती है। उन्हें पहले ही सौ से ज्यादा नोटिस भेजे जा चुके
हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस जेल जाने से पहले ही होगी।
अफजल गुरु की फांसी
पर जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा कि उमर को
अनुलोम-विलोम करने की जरूरत है। वह आतंकवादियों की साइड ले रहे हैं और देश भक्तों
पर सवाल उठा रहे हैं। रामदेव ने कहा कि जिन लोगों की वजह से कुंभ में भगदड़ मची है, उन्होंने पाप किया
है। सरकार को एक्शन लेते हुए जिम्मेदार अफसरों को सस्पेंड करना चाहिए। लोग पुण्य
कमाने के लिए कुंभ के मेले में जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों की गलतियों की वजह से
उन्हें जान गंवानी पड़ रही है। ऐसे मामलों में एक्शन लेने में देरी नहीं होनी
चाहिए।
अपने गुरु की
गुमशुदगी की सीबीआई जांच पर रामदेव ने कहा कि इस देश में साधु-संत अज्ञातवास पर भी
जाते रहे हैं। क्या पता वे भी अज्ञातवास पर हों। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझ कर
बालाकृष्णन को फर्जी पासपोर्ट केस में फंसा रही है। रामदेव ने सवाल उठाया कि अगर
पासपोर्ट फर्जी है तो सरकार इसे कैंसल क्यों नहीं करती। उन्होंने आरोप लगाया कि
बालाकृष्णन को जेल में मारने और इस आरोप में मुझे फंसाने की प्लानिंग थी। उन्होंने
कहा, जब तक मैं
सरकार के खिलाफ नहीं बोलता था, मुझे बहुत पसंद किया जाता था। प्रधानमंत्री
या राहुल गांधी से मिलने पर मेरी सेक्युरिटी चेकिंग तक नहीं होती थी। लेकिन अब
मुझे जबरदस्ती फंसाने की कोशिश की जा रही है।
रामदेव ने अगले
चुनावों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर चल रही डिबेट पर भी टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि पीएम चाहे युवा बने या बुजुर्ग, लेकिन वह काम करने
वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कन्फ्यूज हैं और कोई नहीं जानता कि
किस इशू पर उनकी क्या राय है। इसी तरह मनमोहन सिंह को सारी दुनिया अंडर अचीवर कहती
है। रामदेव ने कहा कि केंद्र और गुजरात में यही फर्क है कि गुजरात में किसी को काम
करने से रोका नहीं जाता है। हालांकि उन्होंने नरेंद्र मोदी की पीएम पद के लिए
उम्मीदवारी पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
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