लाजपत ने लूट लिया
जनसंपर्क ------------------ 52
अखबार नहीं बटे:
पीआरओ रहे मौन!
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)।
मीडिया और प्रशासन के बीच का सेतु होता है जनसंपर्क विभाग। जनसंपर्क विभाग के
पीआरओ को मीडिया की बारीकियों का भान तो होता है साथ ही साथ वह पत्रकारों के हित
संवंर्धन का काम भी बखूबी ही करता है। हाल ही में जिला मुख्यालय सिवनी में लगे
कफ़र्यू के दौरान मीडिया की अनदेखी के चलते यह लगा मानो जिला जनसंपर्क कार्यालय
द्वारा मीडिया को दरकिनार ही कर दिया गया हो।
ज्ञातव्य है कि 7 फरवरी की रात्रि
में शहर के हालात बिगड़ने से जिला प्रशासन द्वारा सिवनी में कफ़र्यू लगा दिया गया
था। इसी रात्रि अनेक पत्रकारों और संपादकों द्वारा जिला जनसंपर्क अधिकारी घनश्याम
सिरसाम से दूरभाष पर अगले दिन सुबह समाचार पत्रों के वितरण और मीडिया कर्मियों के
लिए कफ़र्यू के दौरान रिपोर्टिंग आदि के लिए पास की व्यवस्था करने का आग्रह किया
था। उस वक्त जिला जनसंपर्क अधिकारी द्वारा पत्रकारों को आश्वस्त किया गया था कि
उनके हितों का संवर्धन किया जाएगा।
07 और 08 फरवरी की दर्मयानी रात जब मीडिया को अपने
हाकर्स, एजेंट्स
आदि के पास नहीं मिले तो वे चिंतित हो गए कि 08 फरवरी को सुबह
समाचार पत्रों का वितरण आखिर कैसे हो पाएगा? अगले दिन सुबह जब समाचार पत्रों का वितरण
नहीं हुआ तो एक बार फिर मीडिया पर्सन्स ने जनसंपर्क अधिकारी श्री सिरसाम को फोन
लगाना आरंभ किया। बताते हैं कि पीआरओ ने किसी का भी फोन नहीं उठाया।
मीडिया पर्सन्स
परेशान हो गए क्योंकि सुबह से ही उनके हाकर्स, एजेंट्स और पाठकों
के फोन आ रहे थे कि समाचार पत्र का वितरण नहीं हो पाया है। कफ़र्यू जैसी स्थिति में
लोग अखबारों को ना पाकर बहुत ही परेशान नजर आ रहे थे। बाद में ज्ञात हुआ कि आठ
फरवरी के अखबार प्रिंटिग प्रेस में और जबलपुर नागपुर एवं अन्य शहरों से आने वाले
अखबार बायपास से अंदर ही नहीं आने दिए गए।
पत्रकार और मीडिया
पर्सन्स किसी को जवाब देने की स्थिति में इसलिए नहीं थे क्योंकि 8 फरवरी को दिन ढलने
तक वे घरों में ही कैद थे। इस बारे में पाठक, मीडिया, हाकर्स, एजेंट्स आदि 7 फरवरी की रात से 8 फरवरी की शाम तक
हैरान परेशान होते रहे और वहीं दूसरी ओर मीडिया और प्रशासन के बीच के सेतु जिला
जनसंपर्क अधिकारी ने अपना मौन नहीं तोड़ा जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
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