राष्ट्रपति चुनाव 19 जुलाई को वोटिंग और 22 को रिजल्ट
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव १९ जुलाई को कराया
जाएगा और वोटों की गिनती २२ जुलाई को होगी। राष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम की
घोषणा करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी एस सम्पत ने कहा कि अधिसूचना शनिवार को
जारी की जाएगी। नामांकन पत्र ३० जून तक भरे जा सकेंगे और जांच दो जुलाई को होगी।
चार जुलाई तक नाम वापस लिये जा सकेंगे।
श्री सम्पत ने
बताया कि निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा के महासचिव को राष्ट्रपति चुनाव के लिए
निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों की
राजधानियों में सहायक निर्वाचन अधिकारी भी नियुक्त किये जाएंगे।
राष्ट्रपति पद के
चुनाव में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
दिल्ली तथा संघशासित क्षेत्र पुद्दुचेरी सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं के
निर्वाचित सदस्य हिस्सा लेते हैं। श्री सम्पत ने बताया कि निर्वाचन आयोग निष्पक्ष
चुनाव के लिए सभी उपाय करेगा। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग, देश के इस
सर्वाेच्च पद के चुनाव को पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए
कृतसंकल्प है और अपने इस संवैधानिक दायित्व को निभाने के लिए सभी संभव कदम उठा रहा
है।
मुख्य चुनाव आयुक्त
वी.एस. संपत ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के
लिए चुनाव की अधिसूचना 16 जून को जारी की जाएगी। चुनाव 19 जुलाई को होंगे और
22 जुलाई को
मतों की गिनती के साथ यह पता चल जाएगा कि अगला राष्ट्रपति कौन होगा। गौरतलब है कि
निवर्तमान राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त
हो रहा है।
संपत ने कहा कि
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरे जाने की अंतिम तिथि 30 जून है और मत
पत्रों की जांच 2 जुलाई तक
होगी। नामांकन पत्र 4 जुलाई तक वापस लिए जा सकेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि
राष्ट्रपति पद के लिए मतदान 19 जुलाई को होंगे और काउंटिंग 22 जुलाई को होगी।
राष्ट्रपति चुनाव के चुनाव मंडल में 4,896 सदस्य हैं, जिसमें 776 सदस्य संसद से और 4,120 सदस्य विधान सभाओं
के सदस्य हैं। इनमें दिल्ली और पुडुचेरी भी शामिल है।
राष्ट्रपति पद के चुनाव में सांसदों के मतों का कुल मूल्य 5,49,408 है, जबकि
विधायकों के मतों का कुल मूल्य 10,98,882 है। लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं के मनोनित सदस्य मतदान
की पात्रता नहीं रखते हैं।
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