गुरुवार, 8 नवंबर 2012

विदेश मंत्रालय में नहीं चल पाई राहुल की!


विदेश मंत्रालय में नहीं चल पाई राहुल की!


(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। भले ही कांग्रेस ने अपने युवराज राहुल गांधी को घोषित तौर पर पार्टी का नंबर दो मान लिया हो पर इस बार के केंद्रीय मंत्रीमण्डल में राहुल की बजाए मनमोहन सिंह का वीटो ही ज्यादा भारी पड़ा। विकलांगों का पैसा बिना डकार के हजम करने के आरोपों के बाद भी सलमान खुर्शीद को पदोन्नति दिया जाना इसका सबसे बड़ा उदहारण माना जा रहा है।
हर तरह से प्रतिकूल वातावरण और नदी में बहाव से उल्टी दिशा में चप्पू चलाने के बाद भी सलमान खुर्शीद का सियासी अभ्युदय कांग्रेस के आला नेताओं को अजरज में डाल रहा है। कांग्रेस के शीर्ष नेता इस बात पर हैरान हैं कि विकलांग और निशक्तजनों के लिए आवंटित धन को डकारने के संगीन आरोपों के बाद जहां खुर्शीद को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाना चाहिए था, इसके बजाए खुर्शीद को पदोन्नति देने का जोखिक आखिर कैसे उठा लिया कांग्रेस ने!
24, अकबर रोड़ स्थित कांग्रेस के नेशनल हेडक्वार्टर के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को संकेत दिए कि इस बार राहुल गांधी के बजाए प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की ज्यादा चली है। पीएम ने हर मामले में अपना घुटना रखते हुए वीटो का इस्तेमाल किया है। सलमान खुर्शीद का सियासी अभ्युदय इसी का ही परिणाम माना जा रहा है।
उधर, कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को बतौर सांसद आवंटित सरकारी आवास) के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सलमान खुर्शीद के बजाए आनंद शर्मा को विदेश मंत्री बनाए जाने के प्रबल समर्थक थे युवराज राहुल गांधी। बावजूद इसके सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह की बात मानकर सलमान को ही यह प्रभार देने पर हरी झंडी दे दी।
सूत्रांे की मानें तो मनमोहन सिंह ने राहुल और सोनिया के सामने सलमान के पक्ष में यही दलील रखी कि सलमान विदेश में पढ़े लिखे हैं और उनका सियासी अनुभव भी बेहतरीन है। इसके अलावा सलमान मुस्लिम हैं, यूपी से हैं और कांग्रेस के बहुत पुराने परिवार से हैं। पीएम ने यह भी कहा कि सलमान की कई पीढियां नेहरू गांधी परिवार की चौखट चूमती आई है।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी को यह भी कहा कि सलमान के नाना जकिर हुसेन देश के भाल पर तिलक के रूप में रहे हैं। सलमान के पिता खुर्शीद आलम राज्य सभा सदस्य के साथ ही साथ कर्नाटक के लाट साहब भी रह चुके हैं।
पीएम ने यह भी दलील दी कि इतना ही नहीं सलमान पहले भी विदेश मंत्री रह चुके हैं, इसलिए देश को उनसे मुफीद विदेश मंत्री नहीं मिल सकता है। फिर क्या था सलमान के सारे खून माफ करते हुए देश की निशक्त और विकलांग जनता के रिसते घावों पर नमक छिड़ककर सलमान खुर्शीद को पदोन्नति देते हुए विदेश मंत्री का ओहदा थाली में रखकर परोस दिया सोनिया गांधी ने।

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