सोमवार, 30 जुलाई 2012

नाबालिग से शादी वैध, शारीरिक संबंध अवैध

नाबालिग से शादी वैध, शारीरिक संबंध अवैध

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। किसी नाबालिग लडकी का पति अपनी पत्नी के संरक्षण का अधिकार पाने का हकदार है लेकिन वह अपनी पत्नी से उसके 20 साल के होने तक शारीरिक संबंध नहीं बना सकता क्योंकि कानून उसकी पत्नी को अपनी शादी को अमान्य घोषित करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने की अनुमति देता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने यह व्यवस्था दो सदस्यीय पीठ के एक रेफरेंस के जवाब में दी। उसमें पूछा गया था कि क्या यह कहा जा सकता है कि कोई नाबालिग लडकी समझदारी की उम्र में आ गई है और वह अपने माता-पिता की विधिसम्मत संरक्षण से बाहर निकल सकती है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए के सीकरी, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति वी के शाली की पीठ ने कहा, ‘‘हमारी यह राय है कि चूंकि शादी अमान्य नहीं है, इसलिए स्वतरू पति नाबालिग लडकी की देखरेख का अधिकार पाने का हकदार है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘लेकिन, पति को विवाह को पूर्ण बनाने के लिए शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति देना उचित नहीं हो सकता जब पीसीएम (बाल विवाह निरोधक) अधिनियम का उद्देश्य और तर्काधार है कि कम उम्र में किसी बच्चे की शादी नहीं होनी चाहिए क्योंकि वे मनोवैज्ञानिक या चिकित्सीय तौर पर शादी के योग्य नहीं होते।’’ पीठ ने कहा, ‘आखिरकार इस तरह की शादी निरस्त करने योग्य है और लडकी के पास 20 साल की उम्र का होने तक अब भी शादी को अमान्य घोषित करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का विकल्प है।’’
अदालत ने यह भी कहा, ‘‘कैसे वह इस बीच अपने अधिकार का इस्तेमाल करने में सक्षम होगी जब शादी को पूर्ण बनाने के लिए उससे शारीरिक संबंध बना लिया जाता है जबकि वह सहमति देने की स्थिति में नहीं है, जिससे वह गर्भवती हो सकती है और गर्भधारण कर सकती है। इस तरह की शादियांे को अगर कानूनन लागू करने योग्य बनाया गया तो इसका घातक प्रभाव हो सकता है और यह इस तरह की शादी करने से किसी को भी नहीं रोकेगा।’’
पीठ ने दो सदस्यीय पीठ के एक अन्य सवाल का भी जवाब दिया कि क्या 21 साल से कम उम्र के लडके की 18 साल से कम उम्र की लडकी से शादी को वैध कहा जा सकता है और अगर पति जेल में नहीं है तो क्या उसे लडकी का संरक्षण दिया जा सकता है।
अदालत ने कहा कि नाबालिग लडकी और लडके के बीच शादी को अवैध घोषित किया जा सकता है बशर्ते पति-पत्नी में से कोई बालिग होने से पहले अदालत का दरवाजा खटखटाए। पीठ ने कहा, ‘‘18 साल से कम उम्र की लडकी या 21 साल से कम उम्र के लडके बीच हुई शादी अमान्य नहीं होगी बल्कि यह अमान्य करने योग्य होगी, अगर इस तरह का बच्चा अपनी शादी को अमान्य घोषित करवाने के लिए कोई कदम नहीं उठाता है तो वह शादी वैध हो जाएगी।’’

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