नाथ सिंधिया को परवाह नहीं मध्य प्रदेश की
एमपी में नहीं चलेगा कौशल आधारित रोजगार
प्रोग्राम!
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)।
जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे कौशल आधारित रोजगार
कार्यक्रम को देश के नक्सल प्रभावित जिलों में शुरू किया जाएगा। केंद्र सरकार ने
अपने इस प्रोग्राम के दूसरे चरण की फेहरिस्त में देश के हृदय प्रदेश को स्थान नहीं
दिया है, जिससे
केंद्र सरकार में सूबे का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्री कमल नाथ और
ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रदेश के विकास या योजनाओं को एमपी में लाने की
दिलचस्पी का खुलासा होता है।
ज्ञातव्य है कि
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के एक लाख युवाओं के लिए 237 करोड़ रुपये का
कौशल विकास आधारित रोजगार एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम हिमायत की शुरूआत की है जिस पर
अगले पांच वर्षों में अमल किया जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि
हम देश के नक्सल प्रभावित जिलों में भी इसी प्रकार का कार्यक्रम शुरू करना चाहते
हैं। यह सभी स्तरों पर होगा और विशेष तौर पर 10वीं पास या फेल
युवाओं को ध्यान में रखा जाएगा।
ग्रामीण विकास
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय देश के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़
के सुकमा जिले में इस तरह के कार्यक्रम की शुरूआत कर चुका है। इस कार्यक्रम का
विस्तार ओडिशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और झारखंड
के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित 34 अन्य जिलों में किया जाएगा।
सूत्रों ने समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के साथ चर्चा के दौरान कहा कि मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार से
सुकमा में युवा सम्मेलन आयोजित करने के लिए कहा है ताकि आदिवासी युवाओं को एकजुट
किया जा सके और उनके साथ विचारों का आदान-प्रदान किया जा सके। उन्होंने राज्य
सरकार से सुकमा में प्रशिक्षण केंद्र सुविधा प्रदान करने को कहा जिसमें सिलाई मशीन
चलाने, बिजली से
जुड़ा कामकाज, डाटा
एंट्री ऑपरेशन का काम शामिल है। इस संस्थान का शुभारंभ 15 अगस्त को किया
जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि
मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को सूचित कर दिया है कि सुकमा में एक ग्रामीण
स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान मंजूर किया जा सकता है। यहां ग्रामीण युवकों को
समुचित ट्रेनिंग देकर लघु एवं अति लघु उपक्रम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया
जाएगा।
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