सोमवार, 30 जुलाई 2012

दस वर्षों में हरवंश सिंह एक साधारण किसान से अरबपति नेता कैसे हो गये!


दस वर्षों में हरवंश सिंह एक साधारण किसान से अरबपति नेता कैसे हो गये!

(शमीम खान)

सिवनी (साई)। 1992-93 में केवलारी विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र के गरीब किसान और आदिवासियों की तकदीर हरवंश सिंह तो नही बदल सके, लेकिन 1993 से 2004 के बीच के दस वर्षों में उन्होंने अपने हाथों से अपनी तकदीर लिख दिया था। 1993 से 2004 के बीच विधायक और मंत्री रहते हुए हरवंश सिंह को मिलने वाले वेतन, भत्ते के योग करने के बाद भी जितनी प्रापर्टी आज उनके पास है, उसका दसवां हिस्सा भी वे नहीं खरीद सकते थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि उन दस वर्षों के दौरान हरवंश सिंह ने आखिर ऐसा कौन सा व्यवसाय किया कि वे एक साधारण आर्थिक हैसियत वाले किसान से अरबपति नेता हो गये। क्या उनके खेत सोना उगल रहे थे?
सिवनी जिले में हरवंश सिंह, उनके परिवार, उनके मित्र एवं रिश्तेदारों के पास कितनी जमीन है, इस बात की जानकारी विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त हुई है। इस जानकारी को हम अपने पाठकों के समक्ष रख रहे हैं।

हरवंशसिंह की प्रापर्टी नं. 1
छिंदवाड़ा जिले के बिन्दरई गांव से विस्थापिक होकर बर्रा में स्थापित होने वाले हरवंश सिंह और उनके परिवार के पास बर्रा पिपरिया क्षेत्र में करीब सवा सौ (125) जमीन है।

हरवंशसिंह की प्रापर्टी नं. 2
छपारा के पास भीमगढ़ सड़क मार्ग के बाजू से लगा है हरवंश सिंह के मालिकाना हक वाला मधुबन फार्म हाऊस। नाम के अनुरूप सुंदर मधुबन फार्म हाऊस 200 एकड़ जमीन में फैला है, जिसमें करोड़ो की लागत वाले वेयर हाऊस बनाये गये हैं।

हरवंशसिंह की प्रापर्टी नं. 3
पलारी के पास छोटा चंदनवाड़ा से लगी हुई बेशकीमती लगभग 8 एकड़ जमीन। बताया जाता है कि यह जमीन पहले जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं जिले के बड़े थोक किराना व्यापारी के परिवार से संबंधित हीरा आसवानी के नाम थी, जिसे बाद में हरवंश सिंह ने अपने पुत्रों के नाम पर ट्रांसफर करा लिया था।

हरवंशसिंह की प्रापर्टी नं. 4
छोटा चंदनवाड़ा की जमीन पर बाद में हरवंश सिंह दो वेयर हाऊस बनवाया था। जानकारों के अनुसार एक वेयर हाऊस की क्षमता तीस हजार मीट्रिक टन है और आज के बाजार मूल्य पर एक वेयर हाऊस की लागत लगभग तीन करोड़ है।

हरवंशसिंह की प्रापर्टी नं. 5
धनौरा और इसके आसपास के क्षेत्र में हरवंश सिंह के द्वारा देर सारी जमीन खरीदी गयी है। सिर्फ धनौरा खुर्द में उनके पास तीन सौ एकड़ जमीन है। बहुचर्चित आमानाला जमीन कांड आपको याद होगा, इसी आमानाला में ठाकुर साहब के पास 40 एकड़ जमीन है। धनौरा खुर्द में मनीष राय के नाम से लगभग 70 एकड़ जमीन खरीदी गयी थी।

हरवंशसिंह की प्रापर्टी नं. 6
छोटा छपारा (खुर्द) में ठाकुर साहब के पास लगभग 16 एकड़ जमीन है। यह जमीन उनके रिश्तेदार विजय बहादुर ठाकुर के नाम से बतायी जाती है।

हरवंश सिंह की प्रापर्टी नं. 7
राहीवाड़ा से दिघौरी के बीच शहर के एक प्रतिष्ठित एवं कांग्रेस से जुड़े परिवार की छह एकड़ महंगी जमीन हरियाणा के निवासियों के द्वारा खरीदी गयी थी। बाद में हरियाणा वालों के द्वारा उक्त जमीन को ठाकुर साहब के परिवार को बेचने की खबर है।
उक्त सभी जमीन का यदि योग किया जाये तो ठाकुर हरवंश सिंह और उनके परिवार के पास लगभग आठ सौ एकड़ जमीन होने की पुष्टि होती है। ठाकुर हरवंश सिंह से जुड़ी उक्त प्रापर्टी में बर्रा में लगभग चालीस हजार वर्ग फीट में बनायी गयी, उनकी महलनुमा आलीशान कोठी एवं सिवनी के बारापत्थर क्षेत्र एवं कचहरी चौक के सामने की प्रापर्टी का जिक्र हम आगामी समय में करेंगे। आश्चर्यजनक रूप से हरवंश सिंह ने उक्त सभी प्रापर्टी 1993 के बाद ही खरीदा था।
1993 से 2004 के बीच दिग्गी राजा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे, इस दौरान हरवंश सिंह पीएचई गृह, परिवहन, वन जैसे मलाईदार 6 विभागों के मंत्री रहे थे एवं इसी दौरान उन्हें धनकुबेर नेता के रूप में पहचान मिली थी। सवाल यह उठता है कि राजनीतिक शुचिता, नैतिकता और ईमानदारी की बात कहने वाली भाजपा और इसके ईमानदार नेता हरवंश सिंह के बारे में सबकुछ जानते हुए भी चुप क्यो हैं? क्या भाजपा के नेता और विधायक हरवंश सिंह की संपत्ति के बारे में लोकायुक्त से उसी प्रकार शिकायत करेंगे, जिस प्रकार प्रभात झा ने नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह के विरूद्ध किया है।

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