फिल्म समीक्षा
दादा कोड़के की याद
दिलाएगी क्या सुपर कूल हैं हम
कलाकार: तुषार कपूर, रितेश देशमुख, अनुपम खेर, चंकी पांडे, सारा, नेहा शर्मा व अन्य
निर्देशक: सचिन
यार्डी
(नेहा घई पण्डित)
मुंबई (साई)। अस्सी
के दशक में द्विअर्थी संवादों के लिए चर्चा में आए दादा कोड़के की याद अब एकता कपूर
की नई फिल्म ताजा कर सकती है। ‘क्या कूल हैं हम’ के सीक्वल में इस
बार एकता कपूर ‘क्या सुपर
कूल हैं हम’ लेकर आयी हैं।
फिल्म की कहानी में आदी और सिड दोस्त हैं और दोनों हमेशा मस्ती करते हैं। लेकिन
जिंदगी को लेकर वे बेहद दुखी हैं, क्योंकि वह जो करना चाहते हैं वह कर नहीं
पाते। आदी एक्टर बनना चाहता है और सिड डीजे।
अपनी ख्वाहिशों को
पूरा करने के लिए वे दो लड़कियों से इश्क फरमाते हैं। फिल्म में कई संवाद ऐसे हैं, जिन पर जबरन हंसी
आती है और कई द्विअर्थी संवाद भी हैं। बेकार कहानी होने के बावजूद कलाकारों ने
अच्छा अभिनय किया है। एडल्ट कहानी के नाम पर फूहड़ता को बहुत ज्यादा परोसा गया है।
नायिकाओं को केवल फैशन शो में चलने वाली नायिकाओं के रूप में रखा गया है। फिल्म
युवाओं के लिए बनायी गयी है, लेकिन दर्शकों को कुछ भी नया मिलने की
गुंजाइश न के बराबर है।
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