सोमवार, 30 जुलाई 2012

दर्डा का कांग्रेस से मोहभंग


दर्डा का कांग्रेस से मोहभंग

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस का विरोध करने वालों को कांग्रेस द्वारा ही उपकृत किए जाने के अनेक उदहारणों के बीच अब महाराष्ट्र सूबे के एक रसूखदार अखबार के मालिक और सांसद विजय दर्डा ने भी कांग्रेस के प्रमुख विपक्षी दल और अगले आम चुनावों में भावी प्रधानमंत्री के रूप में अघोषित तौर पर प्रोजेक्ट किए गए नरेंद्र मोदी की तारीफों में कशीदे गढ़ दिए हैं।
गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ ने फिर विवाद खड़े कर दिए हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मोदी को क्लीनचिट देकर योग गुरु रामदेव अपनी सहयोगी टीम अन्ना के निशाने पर आ गए हैं। उधर, कांग्रेस के एक एमपी विजय दर्डा ने भी नरेंद्र मोदी को शेर बताया है।
अहमदाबाद में संडे को एक प्रोग्राम में नरेंद्र मोदी के साथ रामदेव मंच पर मौजूद थे। रामदेव ने कहा, मोदी कुछ भी गलत नहीं कर रहे। यूपीए सरकार के कई मंत्री जेल में हैं। अगर गुजरात के सीएम ने कुछ गलत किया होता तो उन्हें भी सलाखों के पीछे डाल दिया जाता।
नरेंद्र मोदी ने भी रामदेव की तारीफ करते हुए कहा कि रामदेव ने देशहित में शानदार काम किया है। रामदेव की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में उनकी सहयोगी टीम अन्ना ने रामदेव के इस कदम पर नाराजगी जताई है। टीम अन्ना के मेंबर संजय सिंह ने नरंेंद्र मोदी को श्मानवता का हत्याराश् करार दिया। उन्होंने कहा कि रामदेव को जवाब देना होगा कि क्यों उन्होंने मोदी के साथ मंच साझा किया। हम मोदी से कभी सहमत नहीं रहे। नरेंद्र मोदी ने अपने राज्य में मजबूत लोकायुक्त बिल पास नहीं किया।
इसी प्रोग्राम में महाराष्ट्र से कांग्रेस एमपी विजय दर्डा ने मोदी के कामकाज के तरीके की तारीफ करते हुए उन्हें शेर बताया। इस पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि दर्डा को गुजरात में की गई इस टिप्पणी की कीमत चुकानी पड़ सकती है। हालांकि, दर्डा ने बाद में साफ किया कि मोदी पर की गई टिप्पणी के पीछे कोई राजनीतिक वजह नहीं थी, मैं अपने दिल की बात रख रहा था। हमारी संस्कृति में हम हमेशा मेजबान के बारे में अच्छी बात कहते हैं।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लेने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी से समाजवादी पार्टी ने हाल में ही नाता तोड़ लिया है। हालांकि सिद्दीकी ने मोदी के इंटरव्यू लेने के फैसले का बचाव किया है। सिद्दीकी ने कहा कि मैंने 2002 गुजरात दंगों में मोदी की भूमिका पर जितने कड़े सवाल पूछे, वैसा किसी ने अभी तक नहीं किया। पार्टी का सदस्य न होने के समाजवादी पार्टी के दावे को सिद्दीकी ने सफेद झूठ करार दिया।
ज्ञातव्य है कि अप्रैल 2011 में अन्ना हजारे ने कहा था कि गुजरात और बिहार के सीएम जिस तरह से काम करते हैं, दूसरे राज्यों को उससे सीखना चाहिए। बाद में अन्ना ने साफ किया कि मैंने विकास के लिए मोदी की पहल की तारीफ की थी। जुलाई 2011 में मौलाना गुलाम मुहम्मद वस्तानवी को गुजरात के आर्थिक विकास की तारीफ करने के बाद दारूल उलूम के वाइस चांसलर के पद से हटा दिया गया।
2009 मार्च में केरल से सीपीआई ( एम ) के एमपी ए. पी. अब्दुल्लाकुट्टी को उस वक्त पार्टी से निकाल दिया गया , जब उन्होंने केरल सरकार को मोदी के विकास मॉडल को लागू करने का सुझाव दिया। अब्दुल्लाकुट्टी ने कांग्रेस जॉइन कर ली।
उधर, मोदी ने कहा कि गुजरात में हुए काम की तारीफ करना बेहद खतरनाक होता है। जो कोई गुजरात की या गुजरात में हुए अच्छे काम की तारीफ करता है उसे उसका बुरा नतीजा भुगतना ही पड़ता है। मोदी ने कहा, अब सांसद दर्डा की बारी आ गई लगती है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य नहीं कि कल की ब्रेकिंग न्यूज यह होगी कि सांसद दर्डा को कांग्रेस नेतृत्व ने नोटिस भेज दिया।
इस बयान के मीडिया में आते ही इस पर विवाद शुरू हो गया। कांग्रेस नेतृत्व ने भी इस पर गौर करते हुए सांसद दर्डा से जवाबतलब कर दिया। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व ने दर्डा से कहा है कि वह बताएं किन स्थितियों में उन्होंने मोदी के साथ मंच शेयर करने का फैसला किया। आलाकमान का रुख इस मसले पर बेहद सख्त बताया जाता है।
विवाद होने के बाद दर्डा बचाव की मुद्रा में आ गए। उन्होंने कहा कि उनके बयान को राजनीतिक नहीं माना जाना चाहिए। दर्डा ने कहा कि वह एक धार्मिक समारोह में शामिल होने गए थे। वह उस धार्मिक मौके पर बस अपने दिल की भावनाएं व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘हमारे धर्म में कहा गया है कि हम अपने मेजबान की तारीफ करते हैं। जो कुछ मैंने कहा उसे इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। उसका कोई राजनीतिक मतलब न निकाला जाए।गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ ने फिर विवाद खड़े कर दिए हैं।
कांग्रेस के अंदर चल रही चर्चाओं के अनुसार दर्डा इसे राजनैतिक बयान नहीं कह क्या साबित करना चाह रहे हैं। अगर वे राजनैतिक बयान देते तो वे क्या कहते? क्या दर्डा यह जतलाने का प्रयास कर रहे हैं कि राजनैतिक लोगों के दो चेहरे होते हैं। कांग्रेस के अंदर यह मांग तेज हो रही है कि दर्डा की राज्य सभा सदस्यता छीन ली जाए, किन्तु उनके रसूख और अखबार की पृष्ठभूमि के चलते आलाकमान शायद ही उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए।

कोई टिप्पणी नहीं: