अर्थव्यवस्था
सुचारू रखने विद्युत आपूर्ति पर बल
भोपाल (साई)। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की
अर्थ-व्यवस्था को गतिमान बनाने के लिये 24 घंटे विद्युत आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। मध्यप्रदेश ने इस वर्ष 12 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है, इस उपलब्धि में विद्युत क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री
श्री चौहान आज यहाँ
प्रशासन अकादमी में उर्जा
विभाग के मैदानी अधिकारियों की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में ऊर्जा राज्य मंत्री
श्री राजेन्द्र शुक्ला भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विद्युत व्यवस्था में सुधार के
लिये राज्य सरकार ने 10 हजार करोड़ रूपये खर्च किये हैं। इसका लाभ आम
उपभोक्ताओं को मिले, विद्युत आपूर्ति में सुधार हो तथा वितरण हानि
कम होना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में
इस वर्ष कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस बार विद्युत आपूर्ति के संबंध में किसानों की संतुष्टि का
स्तर भी अच्छा था।
उन्होंने कहा कि विकास के
लिये विद्युत जरूरी है। फीडर सेपरेशन के कार्य में तेजी लायें तथा इसे निर्धारित समय-सीमा में पूरा
करें, यह राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का काम है। उन्होंने कहा कि
मार्च 2013 तक सभी जिलों में फीडर सेपरेशन के कार्य को पूरा करने के
हरसंभव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि
विद्युत आपूर्ति का असर फसलों के उत्पादन पर भी होता है। यदि कहीं ट्रांसफार्मर खराब होते हैं तो उन्हें तुरंत
बदलने की योजना बनाये। राज्य सरकार की ओर से धन की कोई कमी
नहीं आने दी जायेगी। संपूर्ण व्यवस्था आम
आदमी की सेवा के लिये है,
इसका ध्यान रखें। यदि
कहीं बिजली की चोरी होती है तो उसे रोकने का काम करें। बिजली
के बिल त्रुटिपूर्ण नहीं बने इस ओर विशेष
ध्यान दें। उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण कम्पनियों में अधिकारी-कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष की जाये।
ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि इस वर्ष विद्युत आपूर्ति
में सुधार हुआ है
तथा हानि का प्रतिशत भी
कम हुआ है। मार्च 2013 तक फीडर सेपरेशन का कार्य पूरा करने के लिये हर माह करीब 400 विद्युत फीडर का सेपरेशन करना होगा। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष विद्युत
सिस्टम में 42 हजार 500 मिलियन
विद्युत यूनिट डाली गयी जो गत वर्ष से 6,500 मिलियन
यूनिट अधिक है। आगामी वर्ष में प्रदेश में 52 हजार मिलियन यूनिट विद्युत आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में
प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने का लक्ष्य
सामने रखकर कार्य करें। ट्रांसफार्मर खराब होने पर बदलने के लिये एमएमएस की व्यवस्था की जा रही है।
ऊर्जा सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि पूरे देश में
मध्यप्रदेश एकमात्र
ऐसा राज्य है जिसमें
राज्य सरकार ने विद्युत वितरण कम्पनियों को 10 हजार करोड़ रूपये का वर्किंग केपिटल लोन उपलब्ध करवाया है।
कार्यशाला में प्रशासन अकादमी की महानिदेशक
श्रीमती आभा अस्थाना, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल और पॉवर ट्रेडिंग कम्पनी के प्रबंध संचालक
श्री मनु श्रीवास्तव सहित विद्युत
कम्पनियों के मैदानी अधिकारी मौजूद थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें