सोमवार, 9 जुलाई 2012

नक्सल प्रभावित बालाघाट में बढ़ी भ्रूण हत्याएं


नक्सल प्रभावित बालाघाट में बढ़ी भ्रूण हत्याएं

(महेंद्र देशमुख)

बालाघाट (साई)। दो दशकों से नक्सलवाद का दंश झेलने वाले एमपी के बालाघाट जिले में अवैध गर्भपात की खबरों से सनसनी फैल रही है। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में भ्रूण हत्या के मकसद से अवैध गर्भपात कराने वाले मरीजों की जिला चिकित्सालय में बढ़ोत्तरी होने से चिंतित स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है।
जिला प्रशासन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रारंभिक छानबीन से पता चला कि सीमावर्ती महाराष्ट्र के गोंदिया में चल रहे सोनोग्राफी केंद्रों में धड़ल्ले से लिंग परीक्षण और गर्भपात का धंधा चल रहा है। इनमें पहुंचने वालों में बालाघाट जिले की महिलाओं की तादाद ज्यादा है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. के. के. खोसला ने इन तथ्यों से बालाघाट के कलेक्टर को अवगत कराया। इसके आधार पर बालाघाट के कलेक्टर ने गोंदिया के जिलाधिकारी को पत्र लिखा। गोंदिया के कलेक्टर ने तीन नामचीन सोनोग्राफी केंद्रों पर आकस्मिक जांच करवायी तो बालाघाट जिले के लांजी, वारासिवनी तथा बालाघाट से सोनोग्राफी कराने पहुंचने वालों का पता चला। सोनोग्राफी केंद्रों से उनके दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं।
सूत्रों ने आगे कहा कि जांच में पाया गया कि चिकित्सक अनडिजायरनामक पांच गोलियों के पैकेट गर्भपात कराने में इस्तेमाल कर रहे हैं। इस गोली की खपत में आश्चर्यजनक वृद्धि होने का भी पता चला था। उन्होंने बताया कि वारासिवनी, बालाघाट तथा लांजी के शासकीय अस्पतालों में सेवारत तथा निजी नर्सिग होम के डाक्टरों के नाम जांच में आये हैं, जिन्होंने कंपनी से उक्त गोली खरीदी है। सूत्रों ने आगेे बताया कि अनडिजायरनामक उक्त गोली के पैकेट की खुदरा बिक्री की कीमत 400 रुपए है और डॉक्टरों को मात्र 100 रुपए में उपलब्ध कराई गई है।
माना जा रहा है कि महाकौशल अंचल के हर जिले में सोनोग्राफी संेंटर्स में अवैध रूप से लिंग परीक्षण करने का काम धडल्ले से जारी है और स्वास्थ्य विभाग का अमला हाथ पर हाथ रखे ही बैठा हुआ है।

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