सोमवार, 9 जुलाई 2012

असम में बाढ़ की स्थित गंभीर


असम में बाढ़ की स्थित गंभीर

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। देश में मानसून की आमद के साथ ही उत्तर भारत में लोगों को तपन से मुक्ति मिल गई है। कहीं बारिश की फुहारों में लोगों ने सप्ताहांत का मजा लिया तो कहीं बाढ़ से अभी भी लोग लड़ ही रहे हैं। देश के अनेक अंचलों में चौबीस घंटों से भी ज्यादा समय से भगवान भास्कर ने दर्शन नहीं दिए हैं।
गुवहाटी से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से जाकिया तस्मिन रहमान ने समाचार दिया है कि असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। इस आपदा में मरने वालों की संख्या १२२ तक पहुंच गई है। राज्य के विभिन्न भागों से बड़े पैमाने पर खेती को नुकसान पहुंचने और वन्य प्राणियों के मारे जाने की खबरें मिली हैं। धेमाजी जिले के तीन सौ से अधिक गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं। लगभग नौ सौ मकान और तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बाढ़ में बह गये हैं जिले के कई जगह यातायात ठप्प है। लोगों ने ऊंचे बांधों और राहत शिविरों में शरण ली हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा दल तैनात कर दिये हैं और आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध करा दी गई हैं। बाढ़ से दो लाख ५५ हजार हेक्टेयर भूमि की फसलों को नुकसान पहुंचा है।
उधर हिमाचाल प्रदेश के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से स्वाति सिंह ने खबर दी है कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में नालका नाले में कल अचानक आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या चार हो गई है। आज तीन और शव मिले। नाले के तेज बहाव को देखते हुए ३३ किलोमीटर तक के इलाके में चार लोगों की तलाश की जा रही है, हालांकि उनके जिंदा होने की उम्मीद कम है।
 इसके साथ ही साथ भारत-चीन सीमा के नजदीक लद्दाख क्षेत्र में लेह-पांगोंग झील मार्ग पर चांग्ला दर्रे के निकट त्सोलताक में भूस्खलन में फंसे सभी पर्यटकों को बचा लिया गया है। जिला पुलिस, प्रशासन और सेना ने साझा बचाव कार्रवाई में मोटर बाइक समेत डेढ़ सौ वाहनों में सवार ३०० पर्यटकों को सुरक्षित बचा लिया।
देश के हृदय प्रदेश के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने खबर दी है कि शनिवार से महाकौशल सहित अनेक अंचलों में सूर्यनारायण बादलों की ओट में ही विश्राम कर रहे हैं। शनिवार से मध्य प्रदेश के अनेक क्षेत्रों आरंभ हुई बारिश सोमवार को भी जारी थी।
शनिवार और रविवार को अवकाश का सूबे के लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। लोग हल्की फुहार में झूमते नाचते नजर आए। चूंकि शनिवार और रविवार दोनों ही दिन अवकाश था अतः लोगों ने इसका जमकर आनंद लिया। प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में हल्की फुहार ने मौसम को रंगीन बना दिया है। भोपाल में सोमवार सुबह फिर पानी बरसना आरंभ हो गया।

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