फेडरर सातवीं बार
बने विजेता
(अभिलाषा जैन)
लंदन (साई)।
स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर ने सातवीं बार विम्बलडन खिताब जीत लिया है। कल रात
लंदन में पुरुष सिंगल्स फाइनल में फेडरर
ने ब्रिटेन के एंडी मरे को ४-६, ७-५, ६-३ और ६-४ से हराकर १७वां ग्रैंड स्लैम
जीता। इसके साथ ही फेडरर एक बार फिर से विश्व के नम्बर एक खिलाड़ी बन गए
हैं।मिक्स्ड डबल्स के फाइनल में भारत के लिएंडर पेस और रूस की एलेना वेसनीना की
जोड़ी माइक ब्रायन और लीजा रेमण्ड से हार गई।
टेनिस के बादशाह
रोजर फेडरर ने बेहद रोमांचक मुकाबले में आज यहां एंडी मर्रे और लाखों
ब्रिटिशवासियों का दिल तोडकर सातवीं बार विंबलडन खिताब जीतने के साथ ही पीट
संप्रास और विलियम रेनशा के रिकार्ड की बराबरी की।
स्विट्जरलैंड के
तीसरी वरीयता प्राप्त फेडरर ने फाइनल में ब्रिटेन के चौथी वरीय मर्रे को 4-6, 7-5, 6-3, 6-4 से हराया। यह
उनका विंबलडन में सातवां और कुल 17वां ग्रैंडस्लैम खिताब है। ब्रिटेन के रेनशा ने
1881 से 1889 तक जबकि संप्रास ने 1193 से 2000 तक विंबलडन में परचम लहराया।
फेडरर ने यहां अपना
पहला खिताब 2005 में जीता था और इसके बाद उन्होंने यहां लगातार पांच खिताब जीतने
का रिकार्ड बनाया था। मर्रे 1936 के बाद विंबलडन का खिताब जीतने वाले पहले ब्रिटिश
खिलाडी बनने की कवायद में थे लेकिन फेडरर के अनुभव के सामने उनका इंतजार बढ गया।
ब्रिटेन की तरफ से आखिरी बार फ्रेड पैरी ने विंबलडन खिताब जीता था।
फेडरर को खिताब
जीतने पर 11 लाख 50 हजार पौंड की पुरस्कार राशि मिली जबकि मर्रे को पांच लाख 75
हजार पौंड से ही संतोष करना पडा। मर्रे ने मैच की बेहतरीन शुरुआत की। उन्होंने
लंबी रैलियों का गवाह रहे पहले गेम में ही फेडरर की सर्विस तोड दी और फिर अपनी
सर्विस बचाकर स्कोर 2-0 कर दिया। फेडरर ने हालांकि जल्द ही वापसी करके ब्रेक
प्वाइंट लेने के साथ ही स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया।
इसके बाद दोनों
खिलाडियों ने आठवें गेम तक अपनी सर्विस बचाये रखी लेकिन नौवें गेम में मर्रे ने
फिर से फेडरर की सर्विस तोडकर सेंटर कोर्ट पर मौजूद अपने हजारों प्रशंसकों को खुशी
में झूमने का मौका दिया। फेडरर का बैकहैंड नेट पर लग गया था जिससे मर्रे को ब्रेक
प्वाइंट मिल गया। इस ब्रिटिश खिलाडी ने ऐस जमाकर दो सेट प्वाइंट हासिल किये और
इनमें से पहले पर ही पहला सेट केवल 57 मिनट में अपने नाम किया।
मर्रे ने दूसरे सेट
की शुरुआत भी जोरदार तरीके से की। उन्होंने फिर से शुरुआती गेम में फेडरर की
सर्विस तोडी लेकिन स्विस खिलाडी ने बदला लेने में देर नहीं लगायी और अगले गेम में
ही हिसाब बराबर कर दिया। दोनों खिलाडियों में इसके बाद कडा मुकाबला देखने को मिला।
दोनों ने एक दूसरे की सर्विस तोडने के लिये हर संभव कोशिश की लेकिन आखिर में फेडरर
को इसमें सफलता मिली।
फेडरर ने दूसरे सेट
में चार सेट प्वाइंट बचाने के बाद 12वें गेम में मर्रे की सर्विस पर ड्राप शाट से
सेट प्वाइंट हासिल किया और बैकहैंड से अगला अंक लेकर मैच बराबरी पर ला दिया। इस
गेम में मर्रे एक समय 30-0 से आगे थे लेकिन फेडरर ने लगातार चार अंक बनाये। जब
तीसरे सेट में दोनों खिलाडी 1-1 से बराबरी पर थे तभी बारिश के कारण खेल रोकना पडा
और इसके बाद मैच आगे बढाने के लिये छत बंद कर दी गयी।
तीसरे सेट में भी
गजब का मुकाबला देखने को मिला लेकिन असली जंग छठे गेम में दिखी जो लगभग 20 मिनट तक
चला। मर्रे की सर्विस पर दस ड्यूश देखने को मिले लेकिन आखिर में फेडरर ने अपने
अनुभव का इस्तेमाल करके स्काटिश खिलाडी को बेसलाइन पर नचाया और ब्रेक प्वाइंट
हासिल करके 4-2 से बढत हासिल की। फेडरर ने इसके बाद अपनी सर्विस बचाये रखी और 49
मिनट तक चला यह सेट अपने नाम किया।
मर्रे हार मानने के
लिये तैयार नहीं थे लेकिन फेडरर ने महत्वपूर्ण मौकों पर अपने अनुभव का फायदा उठाकर
अंक बनाये। चौथे सेट में तीखी और लंबी रैलियां देखने को मिली लेकिन फेडरर ने पांचवें
गेम में मर्रे की गलतियों का फायदा उठाकर ब्रेक प्वाइंट लेकर दर्शकों को सन्न कर
दिया।
जब फेडरर के पास दो
चौंपियनशिप प्वाइंट थे तब स्टेडियम में मर्रे-मर्रे के नाम की गूंज सुनाई दे रही
थी। इस स्काटिश खिलाडी ने पहला प्वाइंट बचा दिया लेकिन दूसरी बार वह शाट बाहर मार
गये। इस जीत के साथ फेडरर फिर से दुनिया के नंबर एक खिलाडी बन गये।
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