चिकित्सकों को लगा
जमकर झटका
(सोनल सूर्यवंशी)
भोपाल (साई)। चार
स्तरीय वेतनमान की मांग कर रहे डॉक्टरों की तनख्वाह घटाकर राज्य सरकार ने उन्हें
बड़ा झटका दिया है। साथ ही वेतनमान का लाभ ले चुके डॉक्टरों को रिकवरी के नोटिस
थमाना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार के इस रवैये ने आंदोलन करने वाले डॉक्टरों की
नाराजगी और बढ़ा दी है।
जिला अस्पतालों में
कार्यरत डॉक्टरों ने मध्यप्रदेश मेडिकल आफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को 16 अक्टूबर को
सामूहिक अवकाश पर जाने के लिए फॉर्म भरकर भेज दिए हैं। इसके विपरीत प्रमुख सचिव
स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण डॉक्टरों का आंदोलन नहीं होने का दावा कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश मेडिकल
ऑफिसर एसोसिएशन के संगठन सचिव डॉ. अजय खरे ने बताया कि राज्य सरकार ने डॉक्टरों को
चार स्तरीय वेतनमान का लाभ देना बंद कर दिया है। इसके दो ताजा उदाहरण शाजापुर में
मिले हैं। यहां डॉ. एचसी सिसौदिया डीटीओ के पद पर कार्यरत हैं। अगस्त माह में
उन्हें 67 हजार 648 रुपए तनख्वाह के
रूप में मिले थे। सितंबर में यह राशि घटकर 54 हजार 804 हो गई है।
मध्यप्रदेश मेडिकल
ऑफिसर एसोसिएशन के महासचिव डॉ. आनंद मोहन शर्मा ने बताया कि चार स्तरीय वेतनमान का
लाभ मिलना बंद होने से औसतन प्रत्येक डॉक्टर का वेतन 12 हजार रुपए कम हुआ
है। उन्होंने बताया कि विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों ने जानबूझकर सितंबर माह में
डॉक्टरों की तनख्वाह कम की है। बकौल डॉ। शर्मा सरकार ने अगर 16 अक्टूबर के
सामूहिक अवकाश के बाद भी चार स्तरीय वेतनमान का लाभ नहीं दिया, तो डॉक्टर
अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को बाध्य होंगे।
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