टूटेगा जया का अमर
गठबंधन!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
एक समय राजनीति की धुरी के केंद्र बने रहे अमर सिंह का शनी बहुत ही भारी चल रहा
है। मुलायम सिंह यादव के द्वारा किनारे किए गए अमर सिंह से एक एक कर सभी ने किनारा
कर लिया। अब उनकी सबसे विश्वस्त करीबी जया प्रदा भी उनको टाटा कह सकती हैं। गुजरे
जमाने की अभिनेत्री जया प्रदा को अगर सियासी सफर का लुत्फ उठाना है तो उन्हें अमर
सिंह को छोड़ना मजबूरी हो गया है।
भारतीय जनता पार्टी
के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो भाजपा को डस्ट
बिन बना दिया गया है इन दिनों। जिस भी राजनेता को किसी भी पार्टी से बाहर किया
जाता है या कहीं जगह नहीं मिलती है वह भाजपा के दरवाजे पर दस्तक देने लगता है।
पिछले कुछ दिनों से भाजपा में आयतित नेताओं की भीड़ को देखकर यही अंदाजा लगाया जा
रहा है कि अन्य पार्टियांे के कचरों को भाजपा द्वारा असानी से अपने दामन में स्थान
दिया जा रहा है।
भाजपा के आलाकमान
नितिन गड़करी के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कांग्रेस के
वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रहे नटवर सिंह भी भाजपा में प्रवेश के लिए प्रयत्न
कर रहे हैं। दरअसल,
राजस्थान में उनका संसदीय क्षेत्र भरतपुर परिसीमन में आरक्षित
हो चुका है। अब वे उत्तर प्रदेश के मथुरा से अपना भाग्य आजमाना चाह रहे हैं। नटरवर
सिंह के पुत्र जगत सिंह पहले से ही भाजपा में करतब दिखा रहे हैं।
सूत्रों की मानें
तो वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह की करीबी रहीं अनुराधा चौधरी भी भाजपा
के दरवाजे पर चिरौरी की मुद्रा में हैं। जबसे अजीत सिंह ने संयुक्त प्रगतिशील
गठबंधन के साथ कदम ताल आरंभ की है तबसे अनुराधा उनसे बेहद खफा हैं, और अनुराधा सपा का
दामन थाम चुकी हैं।
समाजवादी पार्टी से
बाहर का रास्ता पा चुकी जया प्रदा अब मुख्यधारा में आने के लिए हाथ पैर मार रही
हैं। वे सपा में वापसी की संभावनाएं टटोल रही हैं, पर आजम खान उनकी
वापसी में सबसे बड़ी रूकावट बनकर खड़े हुए हैं। भाजपा के मुख्यालयीन सूत्रों ने
बताया कि मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा जया प्रदा के भाजपा में प्रवेश का रोड़ मैप
तैयार कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया
कि पिछले माह जब नकवी ने जया प्रदा की भेंट गड़करी से करवाई थी तब गड़करी ने जया
प्रदा के भाजपा प्रवेश हेतु सशर्त अनुमति दे दी थी। गड़करी की शर्त थी कि जया प्रदा
को अकेले ही भाजपा में प्रवेश दिया जाएगा। जया प्रदा के साथ उनके सहयोगी अमर सिंह
के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हैं।
सूत्रों ने इस बात
के भी संकेत दिए कि गड़करी ने जया प्रदा को भाजपा में प्रवेश के उपरांत गाजियाबाद
से चुनाव लड़वाने की बात कह दी है, ताकि दिल्ली एनसीआर में उनकी छवि का लाभ
उठाया जा सके। अगर जया प्रदा को राजनैतिक बिसात पर और कुछ दिन तक रहना और चलना है
तो उन्हें अमर सिंह के साथ गठबंधन तोड़ना ही होगा। उधर, राजनाथ सिंह को
गाजियाबाद से हटाकर लखनऊ से चुनाव लड़वाने की बात कही जा रही है।
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