केवायसी फार्म की
अनिवार्यता समाप्त
(अनिल दामडे)
सिवनी (साई)। गैस
उपभोक्ताओं से भरवाये जा रहे केवायसी
फार्म (नो युअर कस्टोमर फार्म) की अनिवार्यता तो समाप्त कर दी है किन्तु अब
यह पूरी तरह निश्चित हो चुका है कि मार्च तक उपभोक्ताओं को मात्र 3 सिलेंडर ही दिये
जायेंगे। सब्सीडी वाले सिलेंडरों की संख्या वर्ष में 6 से बढ़ाकर 12 कर उपभोक्ताओं को
राहत देने में सरकार राजी नहीं है इससे उसे अर्थव्यवस्था बिगड़ने का डर है। सरकार
ने यह भी निर्देश जारी किये हैं कि बिना सब्सीडी वाले सिलेंडर के दाम भी हर माह तय
किये जायेंगे जिनका आधार गैस की मौजूदा कीमत और डालर पर निर्भर करेगी।
ज्ञातव्य है कि 13 सितंबर को गैस की
राशनिंग के निर्णय के साथ ही सरकार ने केवायसी फार्म जारी किया था जिसे हर
उपभोक्ता को भरना अनिवार्य था। गैस कंपनियों ने अपने वितरकों को निर्देशित किया था
कि जो उपभोक्ता केवायसी फार्म न भरे उसका कनेक्शन रद्द कर दिया जाये। इस खबर के
कारण उपभोक्ताओं में खलबली मची हुई थी किन्तु बीते दिवस कंपनी ने अपने वितरकों की
एक महत्वपूर्ण बैठक ली जिसमें उन्होंने वितरकों से यह कह दिया कि है नियमित उपभोक्ताओं
के लिये केवायसी फार्म की अनिवार्यता हाल फिलहाल समाप्त कर दी जाये।
हालाकि इस संबंध मे
गैस वितरकों का कहना है कि उपभोक्ताओं को फार्म लेकर एहतियात के तौर पर रख लेना
चाहिये क्योंकि आगामी विŸाीय वर्ष में सरकार की यह रणनीति होगी कि वो गैस पर मिलने
वाली सब्सीडी उपभोक्ताओं को सीधे उनके खाते पर देगी। ऐसी स्थिति में कंपनी पुनः
केवायसी फार्म उपभोक्ताओं से भरवायेगी।
इसके अलावा
उपभोक्ताओं के लिये एक और चौकाने वाली बात है कि उन्हें मार्च तक केवल 3 सिलेंडर तो
मिलेंगे ही मिलेंगे साथ ही बिना सब्सीडी वाले सिलेंडर के दाम हर माह बदलेंगे। 13 सितंबर को सरकार
ने जब गैस सिलेंडर की राशनिंग की थी तब बिना सब्सीडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत 860 रूपये थी। अक्टूबर
माह में इसकी कीमत 1063 रूपये हो
गयी है। वितरकों की कहना है कि बिना सब्सीडी वाले सिलेंडर की कीमत 2 हजार रूपये भी हो
सकती है और 800 रूपये भी
हो सकती है, सब कुछ
कंपनियों पर और विदेश से उन्हें किस कीमत पर गैस मिलती है इसपर निर्भर है।
बिना सब्सीडी वाले
गैस सिलेंडर की कीमते हर माह परिवर्तित होने से आम उपभोक्ता के बजट पर खासा असर
पड़ेगा और स्थिति यह होगी कि उन्हें 5वे सिलेंडर के बाद ही महीने की एक तारीख को
वितरकों को फोन कर पहले सिलेंडर का रेट पूछना पड़ेगा फिर घर का बजट बनाना होगा और
सिलेंडर के रेट के हिसाब से घर के बजट में कमी बेसी करनी होगी।
इसी तरह बीच में यह
प्रस्ताव भी आया था कि बिना सब्सीडी वाले सिलेंडरों की तादाद 6 से बढ़ाकर सीधे
सीधे 12 कर दी
जाये किन्तु टॉप आफीशल का कहना है कि 13 सितंबर को
लिये गये फैसले पर फिलहाल सरकार परिवर्तन नहीं करना चाहती क्योंकि इससे
अर्थव्यवस्था पर पुनः चोट पहुँचेगी वहीं अपने राजनैतिक बचाव के लिये कांग्रेस ने
अपने शासित प्रदेशों में राज्य की ओर से 3 सब्सीडी वाले गैस सिलेंडर देने का निर्णय
लेकर बाल वापस भाजपा के पाले में डाल दी है हो सकता है कि 2013 के चुनाव में
कांग्रेस इस बात का जमकर प्रचार प्रसार भी करे वहीं भाजपा इस गलतफहमी मे है कि गैस
सिलेंडर की राशनिंग को लेकर लोगों में केवल कांग्रेस के प्रति रोष है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें