नक्सल प्रभावित
इलाकों में सड़क निर्माण
(विपिन सिंह राजपूत)
नई दिल्ली (साई)।
नक्सल प्रभावित आठ राज्यों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए इन राज्यों के
एक लेन राजमार्गाे को दो लेन में करने का कार्यक्रम केंद्र की मदद से शुरू किया
गया है। इनमें राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग दोनों शामिल हैं। इस काम में प्रगति के
हिसाब से बिहार और आंध्र प्रदेश सबसे आगे हैं, जबकि झारखंड और
उत्तर प्रदेश सबसे पीछे।
योजना के पहले चरण
में नक्सल प्रभावित 82 जिलों में 34 जिलों को लिया गया है। यहां 5477 किमी राजमार्ग
चौड़े किए जाने हैं। इनमें 1126 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग तथा 4351 किमी राज्य
राजमार्ग शामिल हैं। प्रोजेक्ट पर 7300 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
सबसे ज्यादा 2092 किमी राजमार्गाे
का चौड़ीकरण छत्तीसगढ़ में होना है, जिसमें 452 किमी का चौड़ीकरण
हो भी चुका है। जबकि 1500 किमी के ठेके जारी कर दिए गए हैं। इसके बाद झारखंड का नंबर
आता है, जहां 753 किमी राजमार्गाे
में अब तक केवल 64 किमी का
ही चौड़ीकरण हो सका है। बाकी 645 किमी के ठेके दिए गए हैं लेकिन काम शुरू
होना बाकी है।
सबसे अच्छा काम
बिहार में हो रहा है। यहां नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क सुधार योजना के तहत 674 किमी राजमार्गाे
की पहचान चौड़ीकरण के लिए की गई है। इसमें 527 किमी चौड़ीकरण पहले ही पूरा हो चुका है।
बाकी भी अगले साल-डेढ़ साल में पूरा होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में नक्सल
प्रभावित जिलों की संख्या केवल तीन ख्मिर्जापुर, चंदौली व सोनभद्र, है। लिहाजा केवल 64 किमी राजमार्गाे
का चौड़ीकरण होना है। इसमें से 19 किमी का काम पूरा हुआ है। शेष अगले साल-डेढ़
साल में पूरा होने की उम्मीद है।
मध्य प्रदेश के 237 किमी नक्सल
प्रभावित राजमार्गाे में से 72 किमी चौड़े हो चुके हैं। बाकी 144 किमी के ठेके जारी
किए जा चुके हैं। जिन पर दो साल में काम पूरा होने की उम्मीद है। बाकी 21 किमी के ठेके
शीघ्र दिए जाने की उम्मीद है। आंध्र प्रदेश में 620 किमी में 428 किमी राजमार्ग
चौड़े हो चुके हैं। बाकी पर काम चल रहा है। महाराष्ट्र में 420 किमी में से 209 किमी का काम पूरा
हो गया है। ओडिशा में 614 किमी में महज 94 किमी का ही चौड़ीकरण हो पाया है।
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