समय से पहले आ गए
विदेशी महमान
(शैलेन्द्र)
जयपुर (साई)।
भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में विदेशी पक्षियों की बहार समय से पहले ही
आ गई है। लगभग एक दशक बाद यहां विदेशी पक्षी समय से पहले और बड़ी संख्या में पहुंच
रहे हैं। श्वर्ल्ड हैरिटेजश् का दर्जा प्राप्त इस उद्यान में पानी की समस्या सुलझ
जाने से यह यह नजारा देखने को मिल रहा है।
केवलादेव राष्ट्रीय
उद्यान लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहा था। यहां पानी की कमी के चलते
विदेशी पक्षियों का आना लगातार कम हो रहा था। प्रसिद्घ साइबेरियन क्रेन तो पिछले
कई सालों से यहां आ ही नहीं रहे हैं। इतना ही नहीं यूनेस्को ने भारत सरकार को इस
उद्यान में पानी की व्यवस्था न होने की स्थिति में इससे ‘वर्ल्ड हैरिटेज‘ का दर्जा वापस लेने
की चेतवानी तक दे डाली थी। लेकिन इस बार अच्छी बारिश होने और यमुना पाइपलाइन के
चलते इस उद्यान में काफी पानी आ गया है।
केवलादेव संरक्षण
से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 15 सालों में पहली बार इस उद्यान में इतना
पानी आया है। इस उद्यान में पानी की अधिकतम आवश्यकता 550 मिलियन क्यूबिक
फीट की है। यमुना पाइपलाइन से पहले ही चंबल जलाशय योजना का पानी भी इस उद्यान में
छोड़ा जा रहा था।
देर से पूरी हुई
यमुना पाइपलाइन से पिछले शुक्रवार को इस उद्यान में पानी पहुंचना शुरू हो गया है।
अकेले यमुना भागीरथ पाइप लाइन से लगभग 350 मिलियन क्यूबिक फीट पानी केवलादेव
राष्ट्रीय उद्यान में पहुंचेगा। वर्ष 2009 में शुरू हुई 56 करोड़ रूपए की यह
योजना पिछले वर्ष पूरी होनी थी, लेकिन देरी के चलते इस सितंबर महीने में पूरी
हुई है।
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