17 रुपये से कम पर जीते हैं 10 फीसदी लोग
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)।
सुधारों के दो दशक और वृद्धि का लाभ निचले तबके तक पहुंचाने के जोर शोर से किये जा
रहे प्रचार प्रसार के बावजूद लगता है ग्रामीण भारत की तसवीर नहीं बदली है। यहां आज
भी 10 फीसदी
आबादी रोजाना 17 रुपये से
कम पर गुजर-बसर को मजबूर है।
औसत मासिक खर्च 503.49 रुपये आंका गया
है। वित्त वर्ष 2011-12 के लिए
पारिवारिक उपभोक्ता खर्च से जुड़े सरकारी सर्वेक्षण के मुताबिक ग्रामीण भारत की 10 फीसदी सबसे गरीब
आबादी का औसत प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 503।49 रुपये है। इस लिहाज से ग्रामीण भारत की इस 10 फीसदी आबादी का
दैनिक खर्च 17 रुपये से
भी कम बैठता है।
शहर में मासिक खर्च
702.26 रुपये
आंका गया है। शहरी गरीबों की हालत उनसे कुछ ही बेहतर है। शहरी गरीबों का प्रति
व्यक्ति दैनिक खर्च 23.40 रुपये आंका गया है। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन
(एनएसएसओ) के जुलाई 2011 से जून 2012 की अवधि के दौरान किये गये 68वें दौर के सर्वेक्षण
के मुताबिक सबसे गरीब 10 फीसदी शहरी आबादी का औसत प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 702.26 रुपये है।
इससे पहले योजना
आयोग ने 2009 से 11 की अवधि के लिए
मार्च में जारी अपनी रिपोर्ट में शहरी क्षेत्र के गरीबों के लिये प्रति व्यक्ति 28.65 रुपये की दैनिक
खर्च सीमा बतायी और ग्रामीण क्षेत्रों में 22.42 रुपये प्रतिव्यक्ति दैनिक खर्च को
गरीबी की सीमा रेखा बताया था। बहरहाल, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्ट में
सबसे गरीब 10 प्रतिशत
आबादी का औसत दैनिक खर्च इस सीमा से काफी नीचे है। रिपोर्ट में कहा गया कि शहरी
इलाकों में 70 फीसदी
आबादी करीब 43.16 रुपये
प्रति दिन व्यय करती है।
एक आंकलन के अनुसार
20 प्रतिशत
का खर्च सौ रुपये से ज्यादा है। जनसंख्या की 20 फीसदी आबादी ऐसी
भी है जो कि प्रतिदिन 100 रुपये से ज्यादा खर्च करती है। ग्रामीण इलाकांे की आधी आबादी
रोजाना 34.33 रुपये
प्रति व्यक्ति पर गुजर बसर करती है। सर्वेक्षण के अनुसार ग्रामीण इलाकों में आधी
आबादी ऐसे परिवारों से जुड़ी है जहां मासिक प्रति व्यक्ति खर्च 1,030 रुपये से कम है
जबकि 40 फीसदी
ग्रामीण आबादी का मासिक खर्च 922 रुपये प्रति व्यक्ति से कम है। राष्ट्रीय
नमूना सर्वेक्षण संगठन के सर्वेक्षण का यह अनंतिम नतीजा है और यह 7,391 गांवों के 59,070 परिवारों और 5,223 शहरी ब्लॉक के 41,602 परिवारों के
सर्वेक्षण पर आधारित है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें