शुक्रवार, 3 अगस्त 2012

नसबंदी हुई विफल!


नसबंदी हुई विफल!

(हर्ष वर्धन वर्मा)

टीकमगढ़ (साई)। राज्य सरकार द्वारा आयोजित नसबंदी शिविरों में आपरेशन के दौरान किस तरह की लापरवाही बरती जाती है। यह बात उस समय सामने आयी जब एक महिला दो बार नसंबंदी के बावजूद अब एक बार फिर गर्भवती हो गयी है। जिले के निवाडी विकासखंड के ग्राम घोगसी निवासी सोहन अहिरवार के अनुसार पूर्व में एक बेटा और बेटी होने के बाद दिसंबर 2008 में निवाडी में आयोजित नसबंदी शिविर में उसने अपनी पत्नी रामसखी का नसबंदी आपरेशन करवा दिया था।
लेकिन कुछ समय बाद उसकी पत्नी गर्भवती हो गयी। वर्ष 2009 में रामसखी ने तीसरी पुत्री को जन्म दिया। सोहन ने इसकी शिकयत निवाडी के चिकित्सकों से की और उन्होंने उसे वर्ष 2010 में आयोजित नसबंदी शिविर में पुनरू आपरेशन की सलाह दी। सोहन ने रामसखी का दिसंबर 2010 में एक बार फिर नसबंदी आपरेशन कराया।
लेकिन एक बार फिर रामसखी फिर गर्भवती हो गयी और अब वह अपनी चौथी संतान को जन्म देने वाली है। रामसखी को छह माह का गर्भ है। सोहन के पास दोनों आपरेशन के कागजात मौजूद हैं तथा उसकी मांग है कि चिकित्सकों की लापरवाही के चलते उसे दो अनचाहे बच्चें हुए हैं इसलिए उसे दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये।
इधर, टीकमगढ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. ओ. पी. गौतम भी इसे चिकित्सकों की लापरवाही का नतीजा मानते हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जायेगी। उनका कहना है इसके लिये सोहन को 30 हजार रुपये का मुआवजा भी दिया जायेगा।

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