और, राधे मां को
रातोंरात बना दिया गया महामंडलेश्वर
(अर्जुन कुमार)
हरिद्वार (साई)।
निर्मल बाबा के बाद हाल ही में न्यूज चौनलों की सुर्खियां बटोरनेवाली राधे मां को
हरिद्वार के जूना अखाड़े ने गुप्त रूप से रातोंरात महामंडलेश्वर बना दिया है। राधे
मां यहां आयीं और समर्थकों के साथ रात में ही हरिद्वार से लौट भी गयीं, लेकिन किसी को पता
तक नहीं चला। चर्चा है कि महामंडलेश्वर बनने के लिए राधे मां ने जूना अखाड़े को
मोटी रकम दी है।
समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राधे मां गुपचुप तरीके से मंगलवार की
शाम मुंबई से हरिद्वार आयीं। उन्हें किसी बड़े होटल में ठहराया गया। रात करीब 10 बजे जूना अखाड़े
में उन्हें अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर और प्रसिद्ध संत अवधेशानंद गिरि ने
महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया गया। इस अवसर पर जूना अखाड़े के सभापति सोहन गिरि, राष्ट्रीय
महामंत्री विद्यानंद सरस्वती आदि उपस्थित थे। राधे मां अब प्रयाग कुंभ में जूना
अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में भाग लेंगी।
बुधवार शाम तक जब
सबको भनक लगनी शुरू हुई कि राधे मां महामंडलेश्वर बन गयी हैं, तब अखाड़े के संतों
ने इसे स्वीकार किया। रात में गुपचुप तरीके से यह कार्य क्यों किया गया, पूछे जाने पर अखाड़े
के महंतों ने बताया कि संन्यास परंपरा में रात में दीक्षा देने का विधान है। ऐसा
पहली बार नहीं हुआ है। कुंभ आदि पर ऐसा होता रहा है।
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