एमपी में हुए अनेक
निर्णय
(नन्द किशोर)
भोपाल (साई)।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद् की बैठक में
स्वास्थ्य सेवा निवेश नीति और मध्यप्रदेश कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्र-संस्करण नीति
को मंजूरी देने के साथ-साथ अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रि-परिषद् द्वारा
मंजूर की गई स्वास्थ्य सेवा निवेश नीति-2012 में स्वास्थ्य सेवा को उद्योग का दर्जा
देने का प्रावधान है। नीति का उद्देश्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
करना और इसके लिए प्रोत्साहन देना है।
नीति में निवेशकों
को पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को उद्योग का
दर्जा दिया गया है। इस संबंध में उद्योग संवर्धन नीति के अनुरूप नियम एवं
प्रक्रिया पृथक से बनाकर उद्योग संवर्धन नीति के अंतर्गत गठित शीर्ष स्तरीय निवेश
संवर्धन साधिकार समिति से अनुमोदन करवाया जाएगा। दस लाख से कम आबादी वाले शहरों
में न्यूनतम 100 बिस्तर
वाले अस्पताल, मेडीकल
कॉलेज, नर्सिंग
एवं पैरा-मेडीकल स्कूल, कॉलेज खोलने पर 25 प्रतिशत की पूँजी निवेश सब्सिडी दी जाएगी।
इसकी अधिकतम सीमा 10 लाख तक की
आबादी वाले शहरों में 3 करोड़ और इससे अधिक आबादी वाले शहरों में 5 करोड़ रुपये होगी।
उद्योग संवर्धन
नीति-2010 में पात्र
स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम
विनिर्माण उद्योगों के अनुरूप ब्याज अनुदान सहायता दी जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा 30 लाख रुपये होगी।
पात्रता का निर्धारण बिस्तर संख्या के आधार पर किया जाएगा। नर्सिंग एवं
पैरा-मेडीकल स्टाफ के कौशल उन्नयन प्रशिक्षण के लिए निर्धारित शुल्क पर अधिकतम 25 प्रतिशत तक की छूट
दी जाएगी। एएनएम प्रशिक्षण निर्धारित शुल्क राशि 75 हजार रुपये
प्रतिवर्ष एवं स्टाफ प्रशिक्षण के लिए शुल्क एक लाख रुपये निर्धारित है। ऐसे सभी
मौजूदा अस्पताल तथा मेडीकल कॉलेज सुपर स्पेशलिटी या मेडीकल कॉलेज में अपग्रेड
होंगे जिनकी क्षमता 300 बिस्तर या उससे अधिक है। यदि यह विस्तारित क्षमता मूल क्षमता
के 50 प्रतिशत
से अधिक हो और नवीन निवेश मूल निवेश से 50 प्रतिशत से ज्यादा हो, तो यह सभी रियायतें
प्राप्त होंगी।
नीति में मल्टी
सुपर स्पेशलिटी वाले एवं न्यूनतम 200 बिस्तर क्षमता वाले अस्पताल तथा न्यूनतम 750 बिस्तर क्षमता
वाले मेडीकल कॉलेजों को बड़े प्रोजेक्ट के समकक्ष मानकर उन्हें पूँजीगत और ब्याज
अनुदान की पात्रता होगी। दस लाख तक की जनसंख्या वाले शहरों में मल्टी तथा सुपर
स्पेशलिटी अस्पताल और मेडीकल कॉलेज खोलने पर 25 प्रतिशत पूँजी
निवेश सब्सिडी दी जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा 3 करोड़ रुपये और ब्याज अनुदान राशि 30 लाख रुपये होगी।
दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मल्टी तथा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और मेडीकल
कॉलेज खोलने पर 25 प्रतिशत
पूँजीगत सब्सिडी दी जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा 5 करोड़ रुपये और
ब्याज अनुदान राशि 30 लाख रुपये
होगी।
स्वास्थ्य सेवा
निवेश नीति में नगर निगम सीमा की परिधि के बाहर स्थापित होने वाले मल्टी तथा सुपर
स्पेशलिटी अस्पतालों के लिए 200 बिस्तर क्षमता होने पर अधिकतम 5 एकड़ भूमि तथा 500 बिस्तर क्षमता
होने पर अधिकतम 10 एकड़ भूमि 25 प्रतिशत प्रीमियम
पर उपलब्ध करवाई जाएगी। निवेश की सीमा 100 बिस्तर अस्पताल के लिए 60 करोड़ और 200 बिस्तर अस्पताल के
लिए 80 करोड़
रुपये और 500 बिस्तर
अस्पताल के लिए 200 करोड़
रुपये होगी, बशर्ते कि
निवेश 5 वर्ष में
पूर्ण हो। नगर निगम सीमा की परिधि के बाहर स्थापित होने वाले मेडीकल कॉलेजों के
लिए अधिकतम 25 एकड़ भूमि
एक रुपये प्रीमियम पर उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें न्यूनतम निवेश की सीमा 300 करोड़ रुपये होगी, बशर्ते कि निवेश 5 वर्ष में पूर्ण
हो। नीति में व्याख्या एवं संशोधन संबंधित निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री की
अध्यक्षता में शीर्ष स्तरीय निवेश संवर्धन साधिकार समिति सक्षम होगी। नीति में
प्राप्त सभी प्रस्ताव ट्राईफेक के माध्यम से एकल खिड़की प्रणाली में निराकृति किए
जाएँगे।
मंत्रि-परिषद् ने
मध्यप्रदेश कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्र-संस्करण नीति-2012 को मंजूरी दी।
नीति में सूक्ष्म,
छोटे और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 के प्रावधानों के
अनुसार सूक्ष्म, छोटे और
मध्यम उद्यमियों को वर्गीकृत किया गया है। जिस इकाई में प्लांट और मशीनरी में 25 लाख से अधिक निवेश
न हो वह सूक्ष्म इकाई, 25 लाख से अधिक किन्तु 5 करोड़ तक के निवेश वाली छोटी इकाई तथा 5 करोड़ से अधिक
किन्तु 10 करोड़ तक
निवेश वाली इकाइयों को मध्यम श्रेणी में रखा गया है। दस करोड़ से अधिक निवेश वाली
इकाइयों को मेगा परियोजना की श्रेणी में रखा गया है। मेगा फुड पार्क के संबंध में 11वीं पंचवर्षीय
योजना में भारत सरकार की मेगा फुड पार्क योजना के लिए दी गई परिभाषा इस नीति के
लिए लागू होगी। फुड पार्क के मामले में 10वीं पंचवर्षीय योजना में भारत सरकार की फुड
पार्क स्कीम के लिए दी गई परिभाषा इस नीति के लिए लागू होगी। हार्टिकल्चर हब के
संबंध में नीति में प्रावधान है कि यह ऐसा स्थान होगा जहाँ कृषकों के समूह को
उद्यानिकी फसलों के लिए उत्तम आदान व्यवस्था, फसलोत्तर प्रबंधन एवं प्र-संस्करण की
व्यवस्था की जाएगी। वह कृषकों के लिए संपर्क के लिए ऐसा एकल बिन्दु होगा जहाँ
उद्यानिकी फसलों एवं प्र-संस्करण से संबंधित सभी सहायता उपलब्ध होगी। नीति के
अनुसार नश्वर पदार्थ से आशय ऐसे पदार्थ से है जो कम समय में नष्ट हो जाते हैं।
इनमें माँस, मछली, कुकुक्ट उत्पाद, फूल, सब्जी, फल, मसाले, औषधीय एवं सुगंधित
पौधे के उत्पाद शामिल हैं। नीति में खेत से लेकर बाजार तक आपूर्ति श्रंखला में
निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। उत्पादों का मूल्य संवर्धन किया जाएगा और क्षति को कम
किया जाएगा ताकि किसानों की आय बढ़ सके।
मंत्रि-परिषद् ने 2ग्660 मेगावाट की
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना (द्वितीय चरण) के स्थापना कार्यों को गति देने के
लिए अमेलिया कोल ब्लॉक से मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के लिए 60 प्रतिशत कोयले को
इस परियोजना के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद्
द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए मोरगा-1 कोल ब्लॉक को 2ग्800 मेगावाट क्षमता की
बाणसागर ताप विद्युत परियोजना जिला शहडोल से अलग कर बाणसागर परियोजना के लिए भारत
सरकार द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के प्रकरणों के लिए आरक्षित कोल ब्लॉक
प्राप्त करने के उद्देश्य से एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा कार्यवाही का
निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद् ने मोरगा-1 कोल ब्लॉक के विकास को गति देने तथा उस
ब्लॉक में उपलब्ध कोयले के आवंटन/उपयोग की प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए
मंत्रि-परिषद् की उप-समिति के गठन का निर्णय लिया। यह भी निर्णय लिया गया कि 2ग्800 मेगावाट की दादा
धूनी वाले ताप विद्युत परियोजना के लिए गवर्नमेंट कंपनी डिस्पेंशन रूट में कोल
ब्लॉक प्राप्त करने के लिए खनिज विकास निगम के माध्यम से कार्यवाही की जाए।
परियोजना के लिए कोल लिकेंज प्राप्त करने के प्रयास जारी रखे जाएँगे।
मंत्रि-परिषद् ने
सौर ऊर्जा को छोड़कर अन्य अपारंपरिक ऊर्जा वित्तीय वर्ष 2012-13 और 2013-14 के लिए मध्यप्रदेश
विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर पर तथा नियामक आयोग द्वारा निर्धारित
प्रक्रिया का पालन करते हुए आरपीओ की आवश्यकता की सीमा में खरीदने का निर्णय लिया।
साथ ही निविदा पद्धति से सौर ऊर्जा खरीदने का भी निर्णय लिया गया।
मंत्रि-परिषद् ने
मुख्यमंत्री स्वच्छता कार्यक्रम का नाम बदलकर मुख्यमंत्री नगरीय स्वच्छता मिशन का
करने का निर्णय लिया। मिशन के उद्देश्य प्राप्त करने के लिए 12वीं पंचवर्षीय
योजना में 271.60 करोड़
रुपये के राज्य अनुदान को शामिल करते हुए 459.44 करोड़ रुपये की कार्ययोजना स्वीकृत
की गई। वर्तमान में 12 लाख घर में टायलेट नहीं है। पहले पाँच वर्ष 3.50 लाख घर में
टायलेटस् का निर्माण करवाया जाएगा।
मंत्रि-परिषद् ने
मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ (सहकारी) मर्यादित भोपाल द्वारा रायल्टी राशि समय पर जमा
नहीं किए जाने के कारण बकाया रायल्टी राशि 66 लाख 76 हजार 919 रुपये का अपलेखन
किए जाने को स्वीकृति दी। रेल अपराधों तथा यात्रियों की सुरक्षा एवं कानून
व्यवस्था देखते हुए रेलवे झोन के विभागीय निरीक्षक के 8 पद का उन्नयन उप
पुलिस अधीक्षक के पद पर करने का निर्णय लिया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें