2 रुपए के लिए मिल
रहा आयकर का नोटिस
(अभय नायक)
रायपुर (साई)।
हजारों लाखों रुपए के आयकर के रूप में देने वाले करदाता आयकर विभाग की उन नोटिसों
से हैरान हैं जिनमें उन्हें एक से पांच रुपए तक कर जमा करने के लिए कहा जा रहा है।
किसी को इस प्रकार का नोटिस दो साल पुराने करारोपण पर दिया जा रहा है तो किसी को
तीन से चार पुराने मामले में। कुछेक मामले तो 11 साल पुराने भी हैं।
अब ऐसे करदाता को
चार रुपए जमा करने के लिए 200 रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है। चालान एवं अन्य
प्रक्रिया पूरी करने में इतनी राशि खर्च हो जाती है। वित्त मंत्रालय के ई-फाइलिंग
सिस्टम में तकनीकी खामियों की वजह से ऐसा हो रहा है। 2-3 महीनों से यह सिलसिला
जारी है।
डिमांड नोटिस
सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) बैंगलुरू से आ रहे हैं क्योंकि सारे
ई-रिटर्न प्रोसेस वहीं से हो रहे हैं। दिलचस्प यह है कि ऐसे डिमांड नोटिस रेल, बीएसएनएल, बैंक व अन्य
केंद्रीय विभागों के कर्मचारियों को भी मिले हैं, लेकिन वे चुपचाप
पैसा भरने में भलाई समझ रहे हैं।
लोगों को नोटिस का
प्रिंट आउट निकालकर चालान बनवाना पड़ रहा है। इसके लिए उन्हें बैंक जाकर पैसा पटाना
पड़ रहा है। फिर उसकी कापी स्पीड पोस्ट से बैंगलुरू मुख्य कंप्यूटर आफिस भेजनी पड़
रही है। वहीं उसकी इंट्री कंप्यूटर में फीड की जाएगी। कंप्यूटर जनरेटेड सिस्टम की
वजह से ऐसा हो रहा है।
रायपुर में ही करीब
300 चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। हर सीए के औसतन 3 से 5 क्लाइंट को ऐसे नोटिस मिले
हैं। राज्य में 15-20 हजार लोगों के इससे प्रभावित होने की आशंका है। कुछ लोगों को
5,10, 15, 40 व 50 रुपए भरने
नोटिस मिला है। आयकर विभाग का नियम है कि 5 रुपए तक के फिगर को राउंडिंग (जीरो) आफ
माना है। इसलिए नोटिस नहीं आना चाहिए। विभाग के अधिकारी इस बारे में कुछ भी ऑन
रिकार्ड कहने से कतरा रहे हैं। हालांकि वे मानते हैं कि इस तकनीकी फाल्ट की वजह से
देशभर में करदाता परेशान हैं।
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