असम में
अनिश्चितकालीन कर्फ्यू जारी
(पुरबालिका हजारिका)
नई दिल्ली (साई)।
असम के चिरांग जिले में अनिश्चितकाल का कर्फ्यू जारी है। जिला प्रशासन ने कल
चिरांग के बोरतोला में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सार्वजनिक बस पर भीड़ के हमले के बाद
कर्फ्यू लगा दिया था। इस घटना में तीन लोग घायल हो गए थे। इस बीच कोकराझार और
चिरांग जिले से चार शव मिले हैं।
इसके साथ ही असम की
हिंसा में मृतकों की संख्या साठ हो गई है। पुलिस ने सार्वजनिक वाहनों पर हमले और
अन्य हिंसक गतिविधियों के सिलसिले में ग्यारह लोगों को हिरासत में लिया है।
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के निर्देशानुसार राजस्व मंत्री पृथ्वी माझी के नेतृत्व
में मंत्रियों के एक समूह के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों
का जायजा लेने के लिए जल्द ही पहुंचने की संभावना है।
श्री गोगोई ने
मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
के कारण किसी की भी मृत्यु न होने पाए। राहत शिविरों में ११७ डॉक्टरों और
ऐम्बुलेंस गाड़ियों की टीम रवाना कर दी गई है। अब तक ९४ हजार से ज्यादा लोगों में
विभिन्न बीमारियों का पता लगाया जा चुका है। राहत शिविरों में राहत और पुनर्वास
कार्यों के जायजे के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम आज असम पहुंच रही
है।
असम में ग्वालपाड़ा
जिले के गणेशजुली इलाके में कल रात सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अल्फा के दो
कट्टर उग्रवादी मारे गए। पुलिस ने बताया कि सुराग मिलने के बाद असम पुलिस और सेना
की संयुक्त कार्रवाई में इन्हें मार गिराया गया। एक घायल उग्रवादी भागने में
कामयाब रहा। उसकी धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान जारी है।
असम के चिरांग और
कोकराझार जिलों में 10 दिनों की शांति के बाद अल्पसंख्यकों और बोडो जनजाति में ताजा
हिंसा भड़कने से पांच लोगों की मौत हो गयी जिससे सांप्रदायिक संघर्ष में मरने वालों
की संख्या 61 पहुंच गयी
है तथा चिरांग में फिर अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया।
पुलिस सूत्रों से
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार चिरांग जिले में गोलियों के
निशान वाले तीन और कोकराझार जिले में दो शव बरामद किए गए। कोकराझार में एक व्यक्ति
के लापता होने की खबर है। हिंसा के पहले दौर सबसे अधिक मार कोकराझार जिले पर ही
पड़ी थी और उसमें 56 लोगों की
मौत हुई थी।
उधर,, चिरांग के पुलिस
अधीक्षक कुमार संजीव कृष्णा ने कहा कि चिरांग जिले के कवातिका गांव में वस्थापित
लोगों के लिए बनाए गए शिविर से एक व्यक्ति और उसके दो बेटे कल शाम में बाहर गए थे।
आज उनके शव बरामद किए गए। उन्होंने कहा, ‘वे बगैर किसी को सूचना दिए और बिना किसी
सुरक्षा के शिविर से बाहर चले गए, तब से उनका अता पता नहीं चल रहा था। आज हमें
बारेलांगशू गांव में उनके शव मिले।’
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