मुख्यमंत्री
तीर्थ-दर्शन योजना में पहली ट्रेन 3 सितम्बर को रामेश्वरम रवाना होगी
(नन्द किशोर)
भोपाल (साई)।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई अपने तरह की अभिनव मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन
योजना में पहली ट्रेन 3 सितम्बर, 2012 को हबीबगंज रेलवे स्टेशन से रामेश्वरम
के लिये रवाना होगी। इसके लिये इण्डियन रेलवे केटरिंग एण्ड टूरिज्म कार्पाेरेशन
लिमिटेड (आईआरसीटीसी) के साथ 8 अगस्त को करारनामे पर दस्तखत किये जायेंगे। यह भारत
सरकार का उपक्रम है। पहली ट्रेन 3 सितम्बर को शाम 5.30 बजे रवाना होगी। प्रथम
यात्रा में भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग के निवासियों को यात्रा में शामिल किया
जायेगा। इस संबंध में संबंधित कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री
शिवराज सिंह चौहान की विशेष पहल पर शुरू की गई इस योजना में 60 वर्ष या इससे अधिक
आयु के मध्यप्रदेश के ऐसे निवासी लाभ ले सकेंगे, जो आयकर दाता नहीं
है। वे प्रदेश के बाहर स्थित तीर्थ-स्थलों में से किसी एक में एक बार जा सकेंगे।
इन तीर्थ-स्थलों में श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री जगन्नाथपुरी, श्री द्वारकापुरी, हरिद्वार, अमरनाथ, वैष्णौदेवी, शिरडी, तिरुपति, अजमेर शरीफ, काशी (वाराणसी), गया, अमृतसर, रामेश्वरम, सम्मेद-शिखर, श्रवणबेलगोला और
वेलांगणी चर्च, नागापट्टनम्
(तामिलनाडू) शामिल हैं। योजना में कोई भी व्यक्ति अपने जीवन-काल में एक बार लाभ ले
सकता है।
ट्रेन भोपाल से
शुरू होकर भोपाल में ही वापस आकर रुकेगी। यात्रियों का चयन संबंधित जिले के
कलेक्टर द्वारा किया जायेगा। चयन के पश्चात कलेक्टर यात्रियों की सूची संचालक, मुख्यमंत्री
तीर्थ-दर्शन योजना को उपलब्ध करायेंगे, जिसकी एक प्रति आईआरसीटीसी के भोपाल
कार्यालय को उपलब्ध कराई जायेगी। यात्रियों को विशेष ट्रेन द्वारा यात्रा करवा कर
वापस भोपाल स्टेशन उतारने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी की रहेगी। यात्रा के दौरान वही
यात्रियों को भोजन,
नाश्ता एवं चाय आदि उपलब्ध करवायेगा। साथ ही उनके रुकने की व्यवस्था, उन्हें धार्मिक
स्थलों तक बसों द्वारा ले जाने एवं वापस ट्रेन में लाने तथा गाइड आदि की व्यवस्था
भी वही करेगा।
भोपाल से रामेश्वरम
जाने के लिये इस ट्रेन में कुल एक हजार बर्थ उपलब्ध रहेंगी। इनके विरुद्ध कुल 984
तीर्थ-यात्रियों तथा अनुरक्षक के रूप में 16 शासकीय अधिकारी-कर्मचारी भेजे
जायेंगे। योजना के नियम असाधारण राजपत्र में प्रकाशित किये जा चुके हैं।
कैसे करें आवेदन
योजना का लाभ लेने
के लिये आवेदक को निकटतम तहसील/उप तहसील या निर्धारित स्थान पर इच्छित स्थान की
यात्रा के लिये निर्धारित प्रपत्र में आवेदन सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा के
पूर्व करना होगा। प्रत्येक स्थान की यात्रा के लिये प्राप्त आवेदनों में से उपलब्ध
कोटे के अनुसार यात्रियों का चयन किया जायेगा। निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में
आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में कम्प्यूटर द्वारा लाटरी के माध्यम से चयन होगा।
10 प्रतिशत अतिरिक्त व्यक्तियों की प्रतीक्षा-सूची भी बनाई जायेगी। राज्य सरकार ने
इस योजना के क्रियान्वयन के लिये प्रतिवर्ष बजट में प्रावधान करने की व्यवस्था की
है। योजना के लिये मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन कोष स्थापित किया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें