15 में शादी बाल विवाह नहीं!
(मणिका सोनल)
नई दिल्ली (साई)। सियासी फिजां में एक बात
जमकर उछल रही है कि क्या 15
साल की आयु में विवाह किया जाए तो वह बाल विवाह होगा या विधिमान्य विवाह! क्या
सरकार ने विवाह की आयु 15
साल कर दी है। आपको सुनकर ये आश्चर्य लगेगा पर ये सच है।
यौन सम्बन्ध बनाने को लेकर मचे बवाल के
बीच केन्द्र सरकार ने पति-पत्नी को 15 साल की उम्र में ही सम्बन्ध बनाने की छूट दे दी है, जबकि पहले यह उम्र 16 साल थी। इससे एक तरह से 15 साल की लड़की से शादी कर उसके साथ शारीरिक
सम्बंध बनाने की कानूनी छूट मिल गई है।
लोकसभा से पिछले माह पारित कानून के मसौदे
में दुष्कर्म की परिभाषा में स्पष्ट कहा गया कि सामान्य स्थिति में 18 साल तक की लड़की से सम्बन्ध बनाने को
दुष्कर्म माना जाएगा, भले
ही उसमें लड़की की सहमति रही हो। इसके विपरीत पति-पत्नी के मामले में 15 साल से ऊपर की लड़की की सहमति से शारीरिक
सम्बन्ध बनाने को दुष्कर्म नहीं माना जाएगा। केन्द्र सरकार ने दिल्ली दुष्कर्म
प्रकरण के बाद फरवरी 2013
अध्यादेश के जरिए बनाए कानून में यह उम्र 16 साल कर दी थी, लेकिन
चुपके से संशोधित विधेयक में यह उम्र पहले की तरह ही 15 कर दी गई।
लोकसभा सदस्यों ने भले ही उम्र घटाकर 15 साल करने पर आपत्ति नहीं की, लेकिन राज्यसभा सदस्यों के पास मौका है कि
वे इस पर आपत्ति कर सकते हैं। अभी यह विधेयक राज्यसभा में पारित होना बाकी है।
बच्चों से यौन अपराधों से संरक्षण कानून में 18 साल से कम उम्र में सजा का प्रावधान है।
आईपीसी धारा 375 में दुष्कर्म की परिभाषा में संशोधन के
लिए लाए जा रहे कानून के तहत पति-पत्नी के मामले में 15 साल से ऊपर सहमति से संबंध को दुष्कर्म
नहीं माना है। बाल विवाह रोकने के बने कानून में 18 साल से कम उम्र में शादी को अपराध माना
है, लड़का या लड़की को शादी की निर्घारित आयु का
होने पर कम उम्र में की गई शादी को रद्द कराने का अधिकार तक दिया गया है।
आईपीसी में पहले पति-पत्नी के मामले में 15 साल से अधिक उम्र में सम्बंध बनाने को
दुष्कर्म नहीं माना हुआ था। फरवरी 2013 में अध्यादेश के जरिए किए संशोधन में यह उम्र बढ़ा कर 16 साल कर दी गई। 19 मार्च को लोकसभा में पारित विधेयक में
उम्र फिर 15 साल कर दी।
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