पहली बार मेरठ में हुआ कोई अंदोलन कामयाब
(सचिन धीमान)
मेरठ (साई)। आज मेरठ के चौ. चरण सिंह
पार्क में चल रहे आंदोलन के 35वें दिन आखिरकार आज राज्य सरकार को झुकते हुए किसानों की मांग माननी पडी
और प्रशासनिक अधिकारी शासन के लिखे दो पत्र लेकर किसानों के बीच पहुंचे। जिसके बाद
धरना समाप्त हो गया। विकास बालियान ने बताया कि यह प्रचलित है कि मेरठ में कोई भी
आंदोलन आज तक सफल नहीं हुआ था। लगातार
समाचार पत्र यह बात लिखते आ रहे थे और वीएम सिंह ने भी इस विषय पर कहा था
कि अगर मेरठ में कोई आंदोलन सफल नहीं रहने का रिकार्ड बना हुआ है तो वहीं वीएम
सिंह द्वारा किया गया कोई भी अंादोलन आज तक विफल नहीं हुआ। ऐसे में या तो मेरठ का
रिकार्ड सुधरेगा या वीएम सिंह का रिकार्ड बिगडेगा। परंतु अन्त में मेरठ में चलरहे
आंदोलन के 35वें दिन आज मेरठ का रिकार्ड सुधर ही गया
और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन द्वारा किये गये इस किसान आंदोलन से अपने दोनों
मकसद प्राप्त कर लिये। जहां व किसानों को एकजुट करने में सफल रहा वहीं वह जरूरी
आंकडे भी सरकार से प्राप्त करने में सफल रहा जिनके द्वारा सरकार द्वारा कोताही
बरतने पर भी अदालत से किसानों का पैसा मिलने का मार्ग सुगम हो जायेगा।
0 मुजफ्फरनगर से विकास बालियान का रहा धरने पर विशेष योगदान
यूं तो मेरठ के चौधरी चरण सिंह पार्क में 35 दिन चले किसान आंदोलन में प्रदेश के 44 जनपदों के किसानों का योगदान रहा। परंतु
इसमें मुजफ्फरनगर से विकास बालियान का योगदान अतूल्य रहा। मंच संचालन के साथ अन्य
व्यवस्थाएं देखते हुए निति निर्धारण में भी उनकी विशेष भूमिका थी। जहां प्रखर
वक्ता के रूप में उनके क्रांतिकारी विचारों को मौजूद किसान प्रमुखता से सुनते थे
वहीं उनके द्वारा किसानों के बीच में रहते हुए लगातार किसान मुद्दों पर लोगों से
चर्चाएं भी किसानों को अच्छी लगी। जहां विकास बालियान के नेतृत्व में मुजफ्फरनगर
से दर्जनों लोग प्रतिदिन गये वहीं धरने के दौरान आयोजित की गयी पंचायत, माहपंचायत में सैंकडों लोग पहुंचे। विकास
बालियान की मेरठ में प्रशासनिक अधिकारियों से भी आंदोलन के बीच तीखीं झडपे हुई।
विकास बालियान के साथ मुजफ्फरनगर हरेन्द्र मालिक पूर्व सांसद, चौ। हरकिशन सिंह मलिक गठवाला खाप, डा। उदयवीर सिंह, श्यामपाल सिंह चेयरमेन, राजवीर सिंह मुंडेट, वीरेन्द्र सिंह कुतुबपुर, चौ। उद्यम सिंह, राजेन्द्र कामरेट तितावी, चौ। सुभाष बालियान सौरम, राजपाल सिंह सौरम, रामफल बरवाला, नन्दकिशोर बरवाला, चौ। धर्मवीर राठी सोंटा, चौ। तेजराम राठी, इन्द्र भगतजी, पंकज राठी, जितेन्द्र राठी, जितेन्द्र सिंह कुश्ती कोच, जयवीर सिंह व्यापारी नेता, ओमकार सिंह जाट महासभा, डा। सीमा मलिक, मांगेराम, रामपाल सिंह मांडी, राजपाल सिंह आर्य भैंसी, सचिन धीमान सहित आदि का भी उल्लेखनीय
योगदान रहा। विकास बालियान ने बताया कि जल्द ही मुजफ्फरनगर में वीएम सिंह का भव्य
स्वागत किया जायेगा और विजय दिवस मनाया जायेगा।
0 कृषि ऋण वसूली पर लगी रोक
वी।एम। सिंह धरने पर उपस्थित भारी भीड़ को
जिस समय जब सम्बोधित कर रहे थे तभी एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, जिला गन्ना अधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक
अधिकारी धरना स्थल पर पहुँच गये और वी।एम। सिंह को उनकी दोनों मांगों से सम्बन्धित
प्रशासन की चिट्ठीयां देते हुये कहा कि शासन ने उनकी दोनांे मांगों पर कार्यवाही
शुरू कर दी है। जहाँ 2009-2010 के अन्तर मूल्य भुगतान पर कार्यवाही करते हुये 13, 14, 15 मार्च को सभी गन्ना समितियों के
प्रतिनिधियों तथा चीनीमिल के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर उनसे सभी ब्यौरे लिये अब
इस सिलसिले में वी।एम। सिंह को भी अपना पक्ष रखकर इस मामले को निस्तारण कराने में
सहयोग देना चाहिये ताकि किसानों का बकाया शीघ्रताशीघ्र दिलाया जा सके।
वहीं दूसरी मांग पर कार्यवाही करते हुये
बताया कि वर्ष 2011-12 का किसानों के बकाया ब्याज की गणना कर ली
गयी और व भुगतान किसानों को दिलाने के लिये मिलों को नोटिस जारी करने के बाद अब
उनकी आरसी काटने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है, साथ ही किसानों के विरूद्ध कृषि ऋण वसूल
करने को की जा रही कार्यवाही पर रोक लगाकर वित्तीय संस्था द्वारा दी जाने वाली छूट
अवधि बढ़ाने की कार्यवाही भी शुरू कर दी गयी है। यह भी बताया गया कि मेरठ मण्डल की
चीनी मिल पर गत पैराई सत्र 2011-2012 के विलम्ब से किये गये भुगतान की ब्याज धनराशि 45 करोड़ 89 लाख है। जिसमें से दो मिलों से ब्याज की
कुल धनराशि 12 करोड 30 लाख 48 हजार का भुगतान कर भी दिया गया है।
0 राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन अधिकार धरना कामयाबी के साथ समाप्त
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का 35 दिन चला धरना आज समाप्त हो गया है इसके
साथ ही मेरठ में होने वाले सभी आन्दोलनों के फ्लाप रहने का सिलसिला भी टूट गया और
वी।एम। सिंह के खाते में एक ओर जीत दर्ज हो गयी। हजारों किसानों ने वी।एम। सिंह को
गाजे बाजे जुलूस के साथ मेरठ से दिल्ली के लिये रवाना किया। आतिशबाजी और ढोल
नगाड़ों के बीच भारी नारे बाजी के साथ किसान वी।एम। सिंह पर पुष्प वर्षा करते हुये
उन्हें परतापुर बाईपास तक काफिले के साथ छोड़ने गये। चौ। चरणसिंह पार्क में चौ।
चरणसिंह की प्रतिमा और सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर भी पुष्पांजली अर्पित की
गयी।
इससे पहले चौ। चरणसिंह पार्क में चल रहे
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के धरने पर आज किसानों की रिकार्ड तोड़ भीड़ के बीच
अधिकांशवक्ता उग्र आन्दोलन चलाने की वकालत करते नज़र आये। हजारों किसान उग्रता की
बात पर करतल ध्वनी से अपना समर्थन देते दिखाई दिये। वक्ता मांग कर रहे थे कि
लगातार 35 दिन बीत जाने के बावजूद शासन प्रशासन कतई
भी गम्भीर दिखाई नहीं दे रहा है। अदालत के आदेश रद्दी के टुकड़े से अधिक मानने को
प्रशासन तैयार नहीं दिख रहा है, ऐसे में जरूरी है कि कमिश्नर का घेराव कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया
जाये और अदालत के दोनांे आदेशों का पालन कराया जाये।
वी।एम। सिंह धरने पर उपस्थित भारी भीड़ को
जिस समय जब सम्बोधित कर रहे थे तभी एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, जिला गन्ना अधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक
अधिकारी धरना स्थल पर पहुँच गये और वी।एम। सिंह को उनकी दोनों मांगों से सम्बन्धित
प्रशासन की चिट्ठीयां देते हुये कहा कि शासन ने उनकी दोनांे मांगों पर कार्यवाही
शुरू कर दी है। जिला गन्ना अधिकारी राजीव
राय द्वारा उक्त दोनों पत्रों को किसानों के बीच में स्वयं पढ़ना पढ़ा, जिसके बाद वीएम सिंह द्वारा किसानों से
पूछा गया कि क्या धरना अब जारी रखा जाये जिस पर किसानों ने एक राय होकर एक स्वर
में कहा कि अब धरना रखने का कोई औचित्य नहीं है। आगे की लड़ाई कोर्ट से ही लड़ी
जाये।
इस घोषणा के बाद किसानों ने जमकर खुशी का
इजहार किया और ढोल की थाप पर जमकर नाचते गाते नारेबाजी करते हुये खुशियां मनाई। आज
धरने पर सर्वखाप मंत्री सुभाष बालियान ने भी पहुँचकर ऐलान कर दिया कि कमिश्नर के
घर चलकर वहीं आन्दोलन चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि ये लोग खुराक मांगते हैं। हम
लोग गिरफ्तारी देनेे के लिये तैयार है। आज के धरने की अध्यक्षता देशखाप चौधरी
सुरेन्द्र सिंह ने की और संचालन संयुक्त रूप से विकास बालियान और जितेन्द्र सिंह
सिवाया ने किया।
सभा में मुख्यतः पूर्व विधायक चन्द्रवीर
सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष मुनेन्द्र पाल सिंह, चौ। विरेन्द्र सिंह कुतुबपुर, कुंवर राहुल ढाना, बार संघ पूर्व अध्यक्ष चौ0 धीर सिंह, मेजर हिमांशु, चौ। देवेन्द्र सिंह, चौ। रामवीर सिंह मण्डल प्रभारी, विकास बालियान, चौ0 उधम सिंह,
श्रीमती
राम दुलारी, पूनम ढिल्लन, इन्द्राज सिंह व ओमकार बढ़ला, सहन्सर पाल डायरेक्टर, चौ। उपेन्द्र सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश
प्रभारी, जितेन्द्र सिंह बहादरपुर, श्याम सिंह चेयरमैन, गौरव गुर्जर हस्तिनापुर, परमेन्द्र बुलन्दशहर, विजयपाल गुर्जर, राजीव सिरोही गजरोला, चौ अमन सिंह, इंजी। राजवीर सिंह, रणपाल जिलापंचायत सदस्य, रिषीपाल सिंह मुरादाबाद, जय प्रकाश शास्त्री, विजय शुक्ला सम्पूर्णा नगर आदि ने
सम्बोधित किया।
सतनाम सिंह सन्धू, अशोक भूत, राजवीर सिंह मुडेट, हरवीर सिंह तेवतिया, रणवीर सिंह सूप, विपुल, कुलदीप गंगवार, नरेश त्यागी दिनकरपुर, मदन गुर्जर, विरेन्द्र बढ़ला, हरेन्द्र जैनपुर, अनुज ददारा, राजीव डढरा आदि सर्वसमाज का योगदान रहा
है। वीएम सिंह ने आज सभी लोगों को धन्यवाद देने के साथ-साथ उनके अमूल्य योगदान की
भूरी-भूरी प्रसंन्सा की और धरने पर उनके साथ डटे रहे 102 वर्षीय चौ0 रूमाल सिंह तथा धरने पर प्रतिदिन आने
वाले नेत्रहीन बुजुर्ग हुकम सिंह को गले लगाकर सम्मानित भी किया। आज धरने पर कई
दर्जन गांव से खीर,
हलवा, पूरी सब्जी आये। आज धरने में महिलाआंे की
संख्या सैकड़ों में रही।
0 शान्ति से ही हुई है जीत, आजादी गांधी जी ने भी शांति से ही दिलायी थी - वी0एम0 सिंह
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का 35 दिन चला धरना आज समाप्त हो गया है इसके
साथ ही मेरठ में होने वाले सभी आन्दोलनों के फ्लाप रहने का सिलसिला भी टूट गया और
वीएम सिंह के खाते में एक ओर जीत दर्ज हो गयी।
आज धरने को सम्बोधित करते हुये वीएम सिंह
ने कहा कि वह विगत 17 वर्षाें से लगातार किसानों को अदालत के
माध्यम से उनका हक दिलाने का काम करते आये हैं। 1996-97 के बकाया 2 रूपये से लेकर 2002-03 के 12, 2003-04 के 13, 2006-07 के 7 रूपये और 2007-08 के 15 रूपये उन्होंने अदालत से गन्ना किसानों
के खातों में भिजवाने का काम किया परन्तु इसका श्रेय सत्ता रूढ़ दल लेते रहे और
दावा करते रहे कि यह पैसा सरकार ने दिया है कि जबकि हकीकत यह थी कि समस्त पैसा
अदालत के आदेशों के परिपालन के तहत आया था उन्होंने कहा कि वह ढंके की चोट पर दावा
करते है कि पूर्व प्रधान मंत्री देवेगोड़ा ने जो पैसा किसानों को दिया था वह पैसा
भी उन्हीं के प्रयास से अदालत के आदेशों के परिपालन में किसानों के खाते में आया
था। उन्होंने कहा कि किसानों की लड़ाई बहुत लम्बी है। उनका मकसद है कि किसान अपने
अधिकार को पहचान ले।
यहां आने का मकसद जहां किसानों को एक जूट
करना था वहीं यह एहसास भी दिलाना था कि जो कृषि को अपना व्यवसाय बताते हैं और
किसान पुत्र बताकर देश के प्रधान मंत्री बनने का सपना तक देख रहे हैं वह लोग किसान
के कितने हितैशी हैं उनकी सरकार किसानों के प्रति कितनी संवेदनशील है। किसानों के
बीच में साबित करना था कि किसानों की बात करने वाली इस सरकार के सभी दावे खोखले
हैं। सरकार में मौजूद मुख्य मंत्री से लेकर उनके अन्य मंत्री तक जहां कोठियों में
बैठकर होली का त्यौहार मना रहे थे वहीं अदालत के आदेशों के परिपालन के लिये गरीब
किसान ठण्ड और बरसात में खुले आसमान के नीचे बैठा हुआ अपने हालात के बारे में सोच
रहा था। जहां शासन प्रशासन से जुड़े लोग होली का त्यौहार धूमधाम से मना रहे थे वहीं
किसान चौ0 चरणसिंह पार्क में बैठा उन्हें मायूस
निगाहों से होली खेलते देख रहा था। प्रदेश सरकार की इस हठधर्मीता और संवेदनहीनता
को ही सबके सामने लाना इस धरने का मकसद था।
उन्होंने कहा कि उनका 16 तारीख को ही काम पूरा हो गया था। वह दो
मांग के साथ आये थे कि सन् 2009-10 के गन्ना अन्तर मूल्य भुगतान को किसानों के खाते मंे पहुँचाने का काम
शुरू हो साथ ही विगत वर्ष का पहली पर्ची से विलम्ब से किये गये भुगतान पर ब्याज
दिलाने का काम शुरू किया जाये। दोनों मांगों पर शासन प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर
दी थी और 13, 14,
15
को लखनऊ में समस्त मिलों के पदाधिकारियों तथा सहकारी समितियों के सदस्यों को
बुलाकर आंकड़े और ब्योरे लेने शुरू कर दिये गये थे साथ ही विगत वर्ष के ब्याज की
गणना भी प्रारम्भ हो गयी थी। वह चाहते तो तभी धरना समाप्त कर सकते थे। परन्तु
उन्हें कुछ लिखित में चाहिये था ताकि वह अदालत में चीनी मिलों के किसी भी प्रपंच
का जवाब दे पायें,
साथ
ही उन्होंने यह भी 24 मार्च की पंचायत में दिखाया कि नेता
स्वयं में कुछ नहीं होता पंचायत का मतलब पंचायत में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति होता
है और इसी लिये 24 मार्च को जब उन्होंने हाथ उठवाकर लोगों
से पूछा कि धरना जारी रहे या अदालत में लड़ाई लड़ी जाये तो अधिकांश किसानों द्वारा
धरने पर डटे रहने की बात सुनकर उन्होंने धरना जारी रखा था। भले ही आठ दिन और लगे
हो मच्छरों उनका खून चूसा हो मगर आज यह तय हो गया कि धरना रखने वाले लोग सही थी।
उनका जजबा और उनकी लड़ने की लगन आज अपना रंग दिखा रही है। आज मेरठ की भूमि पर किसान
ही किसान नज़र आ रहा है।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा फेंकी गयी
गोटी सही पड़ी और आज सबके सामने प्रशासनिक अधिकारी वो चिट्ठी ले आये जिनकी उन्हें
जरूरत थी आज उनके पास ब्याज के आकड़े आ गये हैं। अब वह अदालत में आसानी के साथ
किसानों को पक्ष रख पायेंगे। भले ही लगातार मच्छरों के बीच बैठा हँू कि मगर यह तय
है कि वो लोग जो लगातार किसानों का खून चूस रहे हैं उनके सामने 35 दिन इन साधारण मच्छरों के सामने बैठना
कोई घाटे का सौदा नहीं रहा है और प्रशासनिक अधिकारियों को किसानों के सामने झुकना
पड़ा। हम यह लडाई इसलिये जीत पायें क्योंकि हम मर्यादित थे अनुशासित थे कानून के
साथ थे। मेरठ के इतिहास में यह पहला ऐतिहासिक धरना रहा जिसमें किसी को न तो बलिदान
देना पड़ा और ना ही कोई घटना दुर्घटना हुई। मेरठ के किसी भी ठेली खोमचे वाले के साथ
किसी भी आन्दोलनकारी ने लूटपाट नहीं की। ना ही कहीं गाली गलौच और झगड़े की बात आयी
और सभी ने सभ्यता परिचय देते हुये आन्दोलन को कामयाब बनाया और यह आन्दोलन मील का
पत्थर होगा। इस बात को इतिहास भी लिखेगा।
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में लड़ाई
और भी कठिन होने वाली है कि केन्द्र और राज्य सरकार चीनीमिलों के हाथ का खिलौना बन
किसानों के साथ और भी ज्यादती करने पर उतारू दिख रही है। विदेशों से आने वाली
कच्ची चीनी पर आयात शुल्क 60 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है ताकि आने वाले समय में गन्ना खरीद न कर विदेश से
कच्ची चीनी मंगा उसे बेचा जा सके।
उन्होंने कहा कि हनुमान की तरह किसान अपनी
ताकत नहीं जानता था परन्तु आज किसान ने अपने ताकत पहचान ली और उसी का नतीजा है कि
आज किसान जातिवाद से ऊपर उठकर किसान बन गया है और उसकी ताकत के सामने प्रशासन को
झुकना पड़ा। आज भारतीय किसान यूनियन से इस्तीफा देने वाले रविन्द्र सिंह दौरालिया
भी अपने साथ सैकड़ों किसानों को लेकर धरना स्थल पर आये उन्होंने वीएम सिंह के
नेतृत्व में ही आगे किसानों के लिये कार्य करने की बात कही।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें